धर्म

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर अग्नि देव को क्यों अर्पित किए जाते हैं तिल और क्या है इसके पीछे का कारण

Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति पर सूर्य का दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का स्वागत किया जाता है. यह शिशिर ऋतु की विदाई, बसंत का अभिवादन तथा अगहनी फसल के कट कर आने का उत्सव होता है. मकर संक्रांति का पर्व जिस प्रकार देश भर में अलग-अलग तरीके और नाम से मनाया जाता है, उसी प्रकार इस पर्व पर खानपान में भी विविधता देखने को मिलती है लेकिन इस दिन तिल का हर कहीं आवश्यक रूप से इस्तेमाल किया जाता है.

मकर संक्रांति का पर्व साल 2024 में 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस अवसर पर एकमात्र ऐसी चीज है जिसे सभी देशों में खाने और बांटने या अग्नि में अर्पित करने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश और बिहार में तिल दान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है तो वहीं, पंजाब और हरियाणा में मकर संक्रांति के दिन तिल को अग्नि में अर्पित करने की मान्यता है. इस दिन अग्नि में तिल अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है.

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क्या है धार्मिक कनेक्शन?

मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ दान की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, तिल दान से शनि के कुप्रभाव कम होते हैं. कहा जाता है कि तिल के सेवन से, तिल के जल से स्नान करने से और तिल का अग्नि देव को अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है और निराशा समाप्त होती है. श्राद्ध व तर्पण में तिल का प्रयोग काफी समय से किया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती है तो, कड़वी बातों को भुलाकर नई शुरुआत की जाती है इसलिए तिल से बनी चिक्की, लड्डू और बर्फी खाई जाती है.

 

 

Makar Sankranti 2024

मकर संक्रांति पर क्यों खास हैं तिल?

ऐसी मान्यता है कि मकर ग्रह के स्वामी शनि और सूर्य के विरोधी ग्रह राहू होने से दोनों के विपरित फल के निवारण के लिए तिल का खास प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही उत्तरायण में सूर्य की रोशनी में प्रखरता आ जाती है इसलिए भी तिल का महत्व इस दिन और बढ़ जाता है. भगवान विष्णु को तिल अत्यंत प्रिय है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन तिल दान करने और खिचड़ी खाने से श्रीहरि की प्राप्ति होती है. इससे राहू और शनि दोष का भी नाश होता है.

तिल से जुड़ी पौराणिक कथा
शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और मकर राशि के स्वामी शनि देव है, जो सूर्यदेव के पुत्र होते हुए भी सूर्य से शत्रु भाव रखते हैं. अत: शनिदेव के घर में सूर्य की उपस्थिति के दौरान शनि उन्हें कष्ट न दें, इसलिए मकर संक्रांति पर तिल का दान, सेवन और अर्पण किया जाता है.

Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति के पर्व पर अग्निदेव को तिल और गुड़ आदि अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और अग्निदेव सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं. फसल की कटाई की खुशी में सूर्य देव और अग्निदेव का आभार प्रकट करने के लिए भी इस दिन अग्निदेव को तिल अर्पित किए जाते हैं

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