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Mahtari Vandan Yojana: महतारी वंदन योजना की 21वीं किश्त जारी

Mahtari Vandan Yojana  : छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए आज का दिन बेहद खास रहा। जिस पल का लाखों बहनों को इंतजार था, वह आज पूरा हुआ। भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने बुधवार, 5 नवंबर को राजनांदगांव में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन के मंच से महतारी वंदन योजना की 21वीं किश्त जारी की।

 

इस मौके पर उन्होंने 69 लाख 15 हजार 273 महिलाओं के बैंक खातों में 647 करोड़ 28 लाख 36 हजार रुपये की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी। जैसे ही मंच से उपराष्ट्रपति ने बटन दबाया, वैसे ही प्रदेशभर की लाखों बहनों के खातों में राशि ट्रांसफर होने लगी और उनके चेहरों पर मुस्कान बिखर गई।

 

कार्यक्रम में जुटी प्रदेश की दिग्गज हस्तियां

राजनांदगांव के स्टेट हाई स्कूल मैदान में आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन में मंच पर उपराष्ट्रपति के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, राज्यपाल रमेन डेका, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री गजेन्द्र यादव और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी मौजूद रहे।

 

कार्यक्रम का माहौल उत्साह और गर्व से भरा हुआ था। हजारों की संख्या में महिलाएं और स्व-सहायता समूहों की सदस्याएं वहां मौजूद थीं, जिन्होंने “जय महतारी” के नारों से पूरा मैदान गूंजा दिया।

 

महतारी वंदन योजना 21वीं किस्त 2025

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ सरकार की वह महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत राज्य सरकार इस योजना को संचालित कर रही है। इसके अंतर्गत महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जिससे वे अपने छोटे-छोटे खर्चों और जरूरतों को पूरा कर सकें।

 

अब तक 20 किश्तों के जरिए 13,024 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि प्रदेश की बहनों को दी जा चुकी थी। आज जारी 21वीं किश्त के साथ यह आंकड़ा बढ़कर 13,671 करोड़ 68 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

 

पहली बार नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाओं को भी मिला लाभ

इस बार की 21वीं किश्त खास इसलिए भी रही क्योंकि इसमें पहली बार उन महिलाओं को भी शामिल किया गया, जो माओवाद के प्रभाव से मुक्त हुए गांवों में रहती हैं। पिछले 22 महीनों में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए गए माओवाद उन्मूलन अभियान के परिणामस्वरूप बस्तर संभाग के कई गांव अब मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। इन गांवों में रहने वाली 7658 महिलाओं को पहली बार महतारी वंदन योजना का लाभ मिला है। इनके खातों में कुल 76 लाख 26 हजार 500 रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है।

 

 

नक्सल प्रभावित इलाकों की महिलाएं

‘नियद नेल्ला नार योजना’ बनी परिवर्तन की नई राह

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर बस्तर में “नियद नेल्ला नार योजना” शुरू की गई है, जिसका अर्थ है- ‘हमारा अच्छा गांव’। इस योजना के अंतर्गत माओवाद से मुक्त 327 गांवों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। यहां सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं।

 

इन्हीं गांवों की महिलाओं को अब महतारी वंदन योजना में शामिल किया गया है, जिससे वे भी शासन की मुख्यधारा का हिस्सा बन सकें। बीजापुर जिले की 3872, दंतेवाड़ा की 428, कांकेर की 191, नारायणपुर की 559 और सुकमा जिले की 2608 महिलाएं अब इस योजना की नई लाभार्थी बनी हैं।

 

 

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एक क्लिक में उपराष्ट्रपति ने की राशि जारी

राजनांदगांव के लखपति दीदी सम्मेलन में जैसे ही उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने बटन दबाया, उसी क्षण करोड़ों रुपये की राशि महिलाओं के खातों में पहुंच गई। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक था।

 

मंच पर मौजूद नेताओं और अधिकारियों ने तालियों से स्वागत किया, जबकि सभागार में बैठी महिलाओं ने खुशी के नारे लगाए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि “छत्तीसगढ़ की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं। महतारी वंदन जैसी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।”

 

माओवाद मुक्त गांवों में उम्मीद की नई रोशनी

Mahtari Vandan Yojanaमुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अब माओवाद से मुक्त गांवों में विकास की नई सुबह उग रही है। सरकार की कोशिश है कि हर पात्र परिवार तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि “महतारी वंदन योजना न सिर्फ आर्थिक सहायता है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है।

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