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 Latest Update on Pension: सरकारी कर्मचारियों को अब नहीं मिलेगी पेंशन से जुड़ी ये सुविधा, सरकार ने इस योजना को किया बंद

Latest Update on Pension: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में माइग्रेट होने की सुविधा 1 दिसंबर 2025 से बंद हो गई है। सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 थी, जिसके बाद अब कर्मचारी एनपीएस से यूपीएस में स्थानांतरण नहीं कर सकेंगे। सरकार इससे पहले भी अपने कर्मचारियों को कई बार अवसर दे चुकी थी और डेडलाइन बढ़ाई गई थी। यह विकल्प उन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए उपलब्ध था, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सेवा में शामिल हुए थे और अपनी सेवानिवृत्ति योजना का चयन करना चाहते थे।

 

Latest Update on Pension: सरकार ने जनवरी 2025 में एकीकृत पेंशन योजना को नोटिफाई किया था। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन नंबर F. No. FX-1/3/2024 PR, दिनांक 24.01.2025 जारी कर पात्र केंद्रीय कर्मचारियों के लिए UPS को औपचारिक रूप से लागू किया था। एकीकृत पेंशन योजना (UPS) 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी है और इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के विकल्प के रूप में पेश किया गया है। योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को सुनिश्चित, मुद्रास्फीति-सूचकांकित और पर्याप्त पेंशन उपलब्ध कराना है, जिससे रिटायरमेंट के बाद होने वाली अनिश्चितताओं और वित्तीय चिंताओं को कम किया जा सके।

 

 

क्यों लागू की गई थी एकीकृत पेंशन योजना

Latest Update on Pension: योजना के अनुसार कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करना होता है, जबकि केंद्र सरकार 18.5% का योगदान देती है। यह प्रावधान कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस व्यवस्था की एक अहम विशेषता यह थी कि UPS को चुनने के बाद भी कर्मचारी इच्छा होने पर फिर से NPS में लौटने का विकल्प रख सकते थे। विशेषज्ञ मानते हैं कि UPS और NPS के बीच यह लचीलापन कर्मचारियों को अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार बेहतर निर्णय लेने में मदद करता था। अब माइग्रेशन विंडो बंद होने के साथ ही वे कर्मचारी, जिन्होंने 30 नवंबर तक ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं किया, आगे UPS में स्विच नहीं कर पाएंगे। सरकार का कहना है कि समय सीमा इसलिए तय की गई थी ताकि नई पेंशन व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से लागू किया जा सके

 

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Latest Update on Pensionयोजना के अनुसार कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करना होता है, जबकि केंद्र सरकार 18.5% का योगदान देती है। यह प्रावधान कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस व्यवस्था की एक अहम विशेषता यह थी कि UPS को चुनने के बाद भी कर्मचारी इच्छा होने पर फिर से NPS में लौटने का विकल्प रख सकते थे। विशेषज्ञ मानते हैं कि UPS और NPS के बीच यह लचीलापन कर्मचारियों को अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार बेहतर निर्णय लेने में मदद करता था। अब माइग्रेशन विंडो बंद होने के साथ ही वे कर्मचारी, जिन्होंने 30 नवंबर तक ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं किया, आगे UPS में स्विच नहीं कर पाएंगे। सरकार का कहना है कि समय सीमा इसलिए तय की गई थी ताकि नई पेंशन व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से लागू किया जा सके।

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