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LAC पर फायरिंग कर चीन ने तोड़ा ये समझौता, जानिए 1993 में क्या हुआ था तय, पढ़ें पूरी खबर RGHNEWS के साथ

चीन और भारत की सीमा पर लद्दाख में आजकल जो रहा है, वो आम तौर पर देखने को नहीं मिलता था. इतना जरूर था कि चीन के सैनिक हर मुमकिन मौके का फायदा उठाकर भारत की सीमा में घुसने की कोशिश करते रहे, लेकिन बात हथियारों या हिंसा तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती थी. मगर, अब ऐसा नहीं है. तस्वीर पूरी बदल गई है. सीमा पर जवानों की मौत भी हो रही हैं और बंदूकों से गोलियां भी निकलने लगी हैं.

7-8 सितंबर की रात लद्दाख में पेंगोंग झील के दक्षिण इलाके में भले ही फायरिंग हवा में की गई हो लेकिन इसका असर बीजिंग तक हुआ है. LAC पर फायरिंग की घटना इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर हुई थी, जहां चीनी सैनिकों ने विश्वासघात करते हुए भारतीय जवानों पर गोलियां बरसाईं थीं और चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने पर जोर दिया गया और 1993 में एक अहम समझौता किया गया. ये समझौता तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव की चीन यात्रा के दौरान किया गया था

1993 के समझौते की मुख्य बातें

– LAC के जरिए विश्वास बहाली पर काम किया जाएगा.
– जिन क्षेत्रों पर सहमति बनी है वहां किसी भी तरफ से मिलिट्री गतिविधियां नहीं की जाएंगी.
– LAC के पास अगर सैन्य अभ्यास किया जाता है दोनों देश इसकी सूचना पहले ही साझा करेंगे.
– दोनों देशों की वायुसेना हवाई सीमा में घुसपैठ नहीं करेंगी.
– LAC के आसपास एयरफोर्स के अभ्यास पर संभावित प्रतिबंधों पर दोनों पक्ष विचार करेंगे.
– बॉर्डर के मुद्दों का हल तलाशने के लिए एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा.

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