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जानिए खेती में बेहतर मुनाफे के लिए सही उर्वरक का उपयोग, जानिए कब और कैसे करे छिड़काव

जानिए खेती में बेहतर मुनाफे के लिए सही उर्वरक का उपयोग, जानिए कब और कैसे करे छिड़काव नमस्कार किसान भाइयों आप सभी तो जानते ही है कि अभी के समय पर फसल उत्पादन में अधिक वृद्धि पाने के लिए कई सारे किसान भाई यूरिया डीएपी और अन्य प्रकार की करो का उपयोग अपनी फसलों में करते हैं. लेकिन आपको बता दे की इन रासायनिक उर्वरकों का का सही प्रयोग और संतुलित मात्रा में प्रयोग करने पर ही फसलों को सही लाभ मिल पाता है. कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा यहां प्रयोग करके बताया गया है कि खेतों में अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए उर्वरक को की उचित मात्रा का ही प्रयोग करना चाहिए जिससे की फसलों को सही लाभ मिल सके.

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दोस्तों कृषि वैज्ञानिकों ने यह बताया है कि एक ही तरह के खाद और उर्वरकों का प्रयोग करने से फसलों को ज्यादा पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और तो और खेतों की उर्वरता शक्ति भी खत्म होते जाती है इसलिए किसान भाई मिट्टी की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए सही और संतुलित उर्वरकों का प्रयोग कर सकते हैं और आपको बता दे कि ऐसा करके किसान भाई उर्वरक की की खपत भी काम कर सकते हैं और अपने आर्थिक बोझ को भी काम कर पाते हैं. साथ इससे फसलों को सही उत्पादन मिल पाता है और किसानों को तगड़ा लाभ मिलता है.

जानिए खेती में बेहतर मुनाफे के लिए सही उर्वरक का उपयोग, जानिए कब और कैसे करे छिड़काव

किसी भी उर्वरक का प्रयोग करने से पहले यह जानना जरूरी है की मिट्टी हल्की है या भरी और ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि भूमि में उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है तो उसका बहुत बड़ा भाग मिट्टी के निकली सत्ता में बकर चला जाता है जिससे फसल में कोई उपयोग नहीं हो पता. दोस्तों आपको बता दे की बालोई या हल्की मिट्टी में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक जैसे सोडियम नाइट्रेट जो कैल्शियम नाइट्रेट आदि का हिसाब चिकनी मिट्टी की अपेक्षा अधिक होता है. वहीं पर हल्की मिट्टी में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों को का प्रयोग, अन्यथा फसलों को जरूरत के अनुसार उर्वरक प्राप्त नहीं होंगे तो उत्पादन भी विपरीत होने लग जाता है.

इसलिए कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि हमेशा पौधों की जड़ों के आसपास ही उर्वरकों को डालना चाहिए और जमीन के ऊपर उर्वरक बिखरने से या पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाते. नाइट्रोजन युक्त उर्वरक को बार-बार और समय पर फसलों को देते रहे और यह दो-तीन बार देना चाहिए और ध्यान रहे की भूमि में नमी होना आवश्यक है. साथी खड़ी फसलों में उर्वरक का प्रयोग पानी घोलकर करना चाहिए.

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किसी के साथ आप जैविक खाद जैसे गोबर खाद कंपोस्ट और हरी खाद का भी रासायनिक उर्वरक को के बदले प्रयोग कर सकते हैं. शादी फसलों को जितनी आवश्यकता हो उतनी ही सिंचाई करें और ऐसा करने से उर्वरक पानी के साथ रिश्ता जमीन के नीचे बाहर जाते हैं. खरपतवार साफ कर उर्वरक का प्रयोग करने से ज्यादा पोषक तत्व पौधों को मिल पाते हैं. साथी पीएच मान जानकर उर्वरक का प्रयोग काफी फायदेमंद होता है.

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