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जानिए मूंगफली की खेती का सबसे बेहतर और फायदेमंद तरीका, दुगुनी पैदावार से होगा बम्पर लाभ

जानिए मूंगफली की खेती का सबसे बेहतर और फायदेमंद तरीका, दुगुनी पैदावार से होगा बम्पर लाभ, नमस्कार दोस्तों आज की खेती समाचार में हम आपको मूंगफली की खेती के बारे में जानकारी देने वाले हैं. दोस्तों आपको तो पता ही है कि मूंगफली भारत के हर घर में होती है और हर कोई उसे खाना पसंद करता है. ऐसे में अगर आप इसकी खेती बड़ी मात्रा में करते हैं तो आप इससे काफी अच्छा लाभ भी कमा सकते हैं. इसलिए आज हम इसकी खेती के बारे में आपको एकदम सही और सेटिंग जानकारी देने वाले हैं. हम आपको इसके कुछ उन्नत किस्म के बारे में भी बताएंगे जिससे आपको इसकी पैदावार में वृद्धि देखने को मिल जाएगी. तो लिए आज के समाचार के माध्यम से इसकी खेती के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करते हैं.

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दोस्तों वैसे तो मूंगफली की कई सारी उन्नत किस्म है लेकिन हम आपको कुछ चुनिंदा मूंगफली के किस्म के बारे में बताएंगे जो कि आपको काफी अच्छा मुनाफा कमा कर दे सकती है. दोस्तों इसके लिए एच.एन.जी.10 ,आर.जी.425 ,एच.एन.जी.69 ,गंगापुरी, आर जी 382, टी जी 37 ए और इसी के साथ आप गिरनार 2 ,प्रकाश (सी.एस.एम.जी. 884), राज दुर्गा जैसी बेहतरीन किस्मो का प्रयोग कर सकते है. दोस्तों आपको बता दे कि अगर आप इन सभी जिस्मो में से किसी भी किस्मत की खेती करते हैं तो इसमें आपको काफी अच्छा मुनाफा देखने को मिलता है. इसमें आपको ज्यादा कीटों का भी डर नहीं रहता है और कम दिनों में यहां आपको दुगनी पैदावार दे देती है.

जानिए मूंगफली की खेती का सबसे बेहतर और फायदेमंद तरीका, दुगुनी पैदावार से होगा बम्पर लाभ

दोस्तों अगर आप इसकी खेती करते हैं तो आपको बता दे की या एक तिलहनी फसल है. जहां पर सूर्य की अधिक रोशनी और उच्च तापमान होता है वहां पर मूंगफली की फसल में ज्यादा परिवार होती है और इसके लिए आपको कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान अच्छा माना जाता है. वहीं पर अगर हम मिट्टी की बात करें तो आपको बता दे की मूंगफली की खेती हल्की पीली दोमट मिट्टी में ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है. इसकी खेती जल निकासी वाली भूमि पर करनी चाहिए और जल भराव और कठोर चिकनी मिट्टी में मूंगफली की खेती नहीं करनी चाहिए. साथी मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना काफी अच्छा होता है.

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दोस्तों इसकी खेती के लिए आपको हर हेक्टेयर पर 75 से 80 ग्राम बीच का उपयोग करना चाहिए और फैलने वाली किस्म के लिए आप 60 से 70 प्रति ग्राम हेक्टेयर का उपयोग कर सकता है. ध्यान रहे की बुवाई के लिए आप विश्वसनीय और सही बीजों का चयन करें. दोस्तों इसकी खेती में प्रति लाइन के बीच की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर की होनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 8 से 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए. किसी के साथ इसकी अच्छी पैदावार के लिए आपको इसमें कुछ उर्वरक का दो और गोबर की खाद का भी प्रयोग करना चाहिए. आपको खेत में 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर की खाद डालनी चाहिए. साथ ही इसकी खेती में आपको सिंचाई का भी अच्छे से ख्याल रखना चाहिए जिससे आपको इससे काफी अच्छी पैदावार मिल जाएगी.

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