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kheti Kisani 2024: कम लागत में धन्नासेठ बना देंगी इमली की खेती,जाने करने का सही तरीका

कम लागत में धन्नासेठ बना देंगी इमली की खेती

kheti Kisani 2024: कम लागत में धन्नासेठ बना देंगी इमली की खेती,जाने करने का सही तरीका इसके अलावा इमली के पेड़ में कीट नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए,क्योंकि इससे ही इमली के फलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है आगे जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे

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इमली की खेती कैसे करें(How to cultivate tamarind)

भारत में इमली की खेती झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में की जाती है.इन राज्यों की जलवायु इमली की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है क्योंकि इमली की खेती के लिए तापमान 25-30 डिग्री के बीच होना चाहिए.इमली के पेड़ की खासियत ये है कि यह गर्म हवा और लू से प्रभावित नहीं होता है.लेकिन पौधों को ठंड के कारण नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए सर्दियों के मौसम में इमली के पेड़ों का खास ध्यान रखना चाहिए.इमली की खेती करने के लिए खेत की गहरी जुताई करें.इसके बाद एक फीट गहरा और चौड़ा गड्ढा खोदें. उसमे गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट भरकर सिंचाई करें. फिर उस गड्ढे में इमली के बीज या पौधे लगा दें

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एक पेड़ से कितनी पैदावार(How much yield from one tree)

इमली का पौधा किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है लेकिन जून और जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए लाल, काली और दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है.इसकी खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए. उचित खाद और सिंचाई के साथ, एक इमली के पेड़ से सालाना दो से ढाई क्विंटल इमली की फलत मिल सकती है. जिसे बाद में खट्टे के रूप में बेचा जाता है

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