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Jagdeep Dhankhar Resign: अब कौन बनेगा अगला उपराष्ट्रपति? इन नामों की हो रही चर्चा…

Jagdeep Dhankhar Resign उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए अपने इस्तीफे में धनखड़ ने लिखा कि वे “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने” के लिए यह फैसला ले रहे हैं। उनके इस अचानक फैसले से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया है। धनखड़ का इस्तीफा संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन आ गया। फिलहाल उनके उत्तराधिकारी की दौड़ शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को निर्वाचक मंडल में बहुमत प्राप्त है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। आगामी दिनों में संभावित नामों पर विचार किए जाने की संभावना है।

 

 

धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए चुनाव ‘‘जल्द से जल्द’’ कराना होगा। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव, रिक्ति होने के बाद “यथाशीघ्र” आयोजित किया जाएगा। रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति “अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि तक” पद धारण करने का हकदार होगा।

 

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भाजपा के पास कई बड़े नेता कतार में

भाजपा के पास इस पद पर चुनने के लिए नेताओं का एक बड़ा समूह है। राज्यपालों में से या संगठन के अनुभवी नेताओं अथवा केंद्रीय मंत्रियों में से किसी का चुनाव किया जा सकता है। धनखड़ भी उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ के पूर्ववर्ती एम वेंकैया नायडू थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में थे। पार्टी ने 2017 में उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना था। नायडू भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं और उन्हें सरकार का विश्वास प्राप्त है।

 

कार्यकाल और विवादों से भरा रहा सफर

Jagdeep Dhankhar Resignजगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनका कार्यकाल 2027 तक था। अपने कार्यकाल के दौरान उनका विपक्ष से कई बार टकराव हुआ और उनके खिलाफ पहली बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया जिसे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था। मार्च 2025 में AIIMS दिल्ली में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी और वे कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। हालांकि वे कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहे, पर उनकी तबीयत को लेकर समय-समय पर चर्चा होती रही।

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