कितनी बार बदल सकते हैं टैक्स रिजीम? क्या कहते हैं आयकर विभाग के नियम? जानें यहां

ITR Rules 2025: हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय सबसे बड़ी उलझन यह होती है कि नया टैक्स रिजीम चुनें या पुराने वाले पर ही बने रहें. सरकार ने बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बना दिया है, लेकिन टैक्सपेयर्स चाहें तो पुराना टैक्स रिजीम भी चुन सकते हैं.
सैलरीड लोगों के लिए टैक्स रिजीम बदलने के नियम
अगर आपकी कमाई सैलरी, ब्याज या किराए जैसी गैर-व्यावसायिक आय से होती है, तो आपके पास हर साल नया और पुराना टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प रहता है. यानी अगर आपने पिछले साल नया टैक्स रिजीम चुना था, तो इस बार पुराना भी चुन सकते हैं. लेकिन यह फैसला आपको ITR फाइल करने की आखिरी तारीख (31 जुलाई 2025) से पहले लेना होगा. आयकर विभाग के अनुसार, पुराना टैक्स रिजीम चुनने का ऑप्शन केवल तभी मिलता है जब आप समय पर रिटर्न फाइल करें.
बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वालों के लिए क्या हैं नियम?
अगर आप किसी बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़े हैं, तो आपके लिए टैक्स रिजीम बदलने के नियम थोड़े सख्त हैं. ऐसे टैक्सपेयर्स अगर एक बार नया टैक्स रिजीम चुन लेते हैं, तो वे सिर्फ एक ही बार ओल्ड टैक्स रिजीम में वापस लौट सकते हैं. एक बार पुराने रिजीम में लौटने के बाद वे फिर से नया टैक्स रिजीम नहीं चुन सकते. यानी बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वाले केवल एक बार ही रिजीम चेंज कर सकते हैं.
बजट 2023 के अनुसार, जो लोग पुराना टैक्स रिजीम अपनाना चाहते हैं, उन्हें ITR फाइल करने से पहले फॉर्म 10-IEA भरना अनिवार्य होगा. यह फॉर्म तय करता है कि टैक्सपेयर्स कौन सा टैक्स रिजीम चुन रहे हैं और क्या वे इसके लिए पात्र हैं.
ITR फाइलिंग 2025 की डेडलाइ
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, 31 जुलाई 2025 (वित्त वर्ष 2024-25, असेसमेंट ईयर 2025-26) तक बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स को अपना ITR भरना होगा. अगर कोई टैक्सपेयर्स तय समय पर रिटर्न फाइल नहीं करता है, तो वे 31 दिसंबर 2025 तक Belated Return भर सकते हैं, लेकिन इसके लिए लेट फीस देनी होगी
अगर आपने समय पर ITR फाइल कर दिया है और बाद में आपको लगता है कि आपको दूसरा टैक्स रिजीम चुनना चाहिए था, तो आप Revised Return फाइल कर सकते हैं. हालांकि, यह फैसिलिटी केवल उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगी, जिन्होंने समय पर ITR फाइल किया था.
किसे क्या चुनना चाहिए
ITR फाइलिंग से पहले यह तय करना जरूरी है कि नया टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद है या पुराना. पुराने टैक्स रिजीम में कई तरह की छूट और कटौतियों का लाभ मिलता है, जैसे कि सेक्शन 80C (पीपीएफ, ईपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस), 80D (मेडिकल इंश्योरेंस), HRA (हाउस रेंट अलाउंस) आदि. जो लोग टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, उनके लिए यह फायदेमंद हो सकता है.
ITR Rules 2025नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब कम हैं, लेकिन कोई छूट या डिडक्शन नहीं मिलता. जिन लोगों के पास टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं हैं या जो सरल और कम टैक्स फैसिलिटी चाहते हैं, उनके लिए यह बेहतर हो सकता है.