आपको भी मीठा खाना ज्यादा पसंद है हो जाये इन बीमारियों के लिए तैयार,जाने पूरी जानकारी
आपको भी मीठा खाना ज्यादा पसंद है हो जाये इन बीमारियों के लिए तैयार
आपको भी मीठा खाना ज्यादा पसंद है हो जाये इन बीमारियों के लिए तैयार,जाने पूरी जानकारी ज्यादा मीठा खाना बन सकता है मौत का बुलावा आगे जानने के लिए बने रहे अंत तक
आपको भी मीठा खाना ज्यादा पसंद है हो जाये इन बीमारियों के लिए तैयार,जाने पूरी जानकारी
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1.80 लाख लोगों पर अध्ययन(Study on 1.80 lakh people)
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में इन लोगों को तीन श्रेणियों में विभाजित कर दिया. पहली श्रेणी में उन लोगों को शामिल किया जो अपनी हेल्थ को लेकर बेहद सतर्क थे और वे अपनी डाइट में हरी सब्जियां और ताजे फलों का सेवन ज्यादा करते थे. वहीं एनिमल प्रोडक्ट और मीठी चीजों का कम सेवन करते हैं. वहीं दूसरे समूह के लोग किसी भी तरह की चीजों से परहेज नहीं रखते थे. फिश, मीट, सब्जियां, मीठाई आदि खाते थे. वही तीसरे समूह में वे लोग शामिल थे जो फल और सब्जियां कम खाते थे लेकिन मीठी चीजें और ड्रिंक्स ज्यादा पीते थे. इसके बाद शोधकर्ताओं ने इनके खून से 2923 प्रोटीन और 168 मेटाबोलिक पैरामीटर का विश्लेषण किया. दरअसल, प्रोटीन शरीर में बीमारियों से लड़ने से लेकर कई तरह की प्रक्रियाओं में भाग लेता है. वही मेटाबोलिक प्रतिक्रिया से यह पता चलता है कि शरीर सही तरह से काम करता है या नहीं.
फल, सब्जी खाने वाले को फायदा ज्यादा(Those who eat fruits and vegetables benefit more)
इस विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग मीठी चीजों को ज्यादा पसंद करते थे और फल तथा सब्जियां कम खाते थे, उनमें डिप्रेशन का खतरा 31 प्रतिशत ज्यादा था. इतना ही नहीं इन लोगों को डायबिटीज के साथ-साथ दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा भी ज्यादा था. इन लोगों के खून में सी-रिएक्टिव प्रोटीन का लेवल ज्यादा पाया गया. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गिफमान ने बताया कि आज के समाज में प्रोसेस्ड चीनी का चलन बढ़ गया है. हर किसी के जीवन चीनी घुला हुआ है.
आपको भी मीठा खाना ज्यादा पसंद है हो जाये इन बीमारियों के लिए तैयार,जाने पूरी जानकारी
कुछ लोगों को मीठी चीजें खाने की आदत ज्यादा है. ऐसे में हमें मीठी चीजों को खाने से पहले अच्छी तरह से सोच लेना चाहिए कि इसका हमारे शरीर पर क्या-क्या नुकसान हो सकता है. वहीं दूसरी ओर जो लोग हेल्थ को लेकर सतर्क रहते थे ज्यादा हरी सब्जियां, ताजे फल खाते थे, उन लोगों में हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक या क्रोनिक डिजीज का जोखिम एकदम कम था.