छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

छत्तीसगढ़ में ख़ौफ़नाक वारदात : 11 साल के बच्चे ने 4 साल के मासूम को ईट से कुचल कर मारडाला ,पुलिस को दिए बयान से दंग रह जाएंगे आप …

Korba Crime News: नेहरू नगर बुधवारी बाइपास में चार साल के मासूम बच्चे की 11 साल के बालक ने हत्या कर दी। मामले को पुलिस ने खोजी डाग बाघा की मदद से सुलझा लिया है। अपचारी बालक आदतन अपराधिक प्रवृत्ति का बताया जा रहा है और उसका पिता भी निगरानी बदमाश है। मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के मुड़ापार स्थित कुष्ठ आश्रम में रहने वाला चार साल का बालक गुरुवार को सुबह 11 बजे से घर से गायब था।

उसका कुछ पता नहीं चलने पर स्वजन तलाश कर रहे थे। इस बीच पुलिस को देर शाम सूचना मिली कि बुधवारी रिकांडो बायपास मार्ग में प्रसाद पेट्रोल पंप के पीछे झाड़ियों के बीच एक बालक की लाश पड़ी है। सूचना मिलते ही मानिकपुर चौकी प्रभारी एसआइ मयंक मिश्रा घटनास्थल पहुंचे। मृतक बालक की पहचान कुष्ठ आश्रम के पास से लापता बालक के रूप में की गई। उसके माथे पर चोट के निशान पाए गए और पास में ही खून लगी ईंट पड़ी थी। इससे ईंट मारकर बच्चे की हत्या की आशंका हुई। पुलिस ने जांच के लिए खोजी डाग बाघा और ट्रेनर आरक्षक सुनील कुमार की मदद ली। बाघा खून से सनी ईंट के माध्यम से आरोपित तक पहुंच बनाई।

प्रत्यक्षदर्शी और पुलिस तब हतप्रभ रह गए जब आरोपित 11 साल का बालक निकला। बाघा के द्वारा तस्दीक करते ही अपचारी बालक को पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि तीन महीने पहले इस घुमंतू प्रवृत्ति के मासूम बच्चे के साथ अपचारी बालक का झगड़ा हुआ था। तब मासूम ने पत्थर फेंककर लड़के को मारा था। उसी का बदला लेने के लिए आरोपित ने बहाने से मासूम को झाड़ियों के पास बुलाया था। फिर ईंट से लगातार प्रहार करते हुए हत्या कर दी। अपचारी बालक पहले भी चोरियों के मामले में रिमांड पर बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जा चुका है। उसका पिता पुलिस का निगरानी बदमाश है।

बच्चों में बढ़ती हिंसा की प्रवृत्ति चिंताजनक

बच्चों में हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक कही जा सकती है। पिछले दिनों ही उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम फ़रसवानी शासकीय स्कूल में कक्षा आठवीं के छात्र ने जिस बेरहमी से छात्रा का गला ब्लेड से रेत डाला था। इसके बाद ईंट से हमला कर हत्या का मामला सामने आया है। साफ है कि बच्चों में हिंसात्मक प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। ऐसे ज्यादातर मामले में आरोपत बालक घुमंतू प्रवृत्ति हैं, शिक्षा और समाज की मुख्य धारा से दूर हैं।

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