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पत्नी परेशान होकर मायके जाए तो तलाक नहीं,छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहां ऐसा….?

High Court Bilaspur छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर प्रताड़ना से तंग आकर महिला घर छोड़ देती है तो पति तलाक पाने का हकदार नहीं हो सकता। ऐसे मामलों में पत्नी की ओर से उठाया गया कदम कानून सही है। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए पति की अपील को खारिज कर दिया है। मामला कोरिया के चिरमिरी का है।

कोरिया निवासी उत्तम राम की शादी 25 साल पहले सूरजपुर जिले के अर्जुनपुर की रहने वाली कयासों बाई से हुई थी। शादी के 5-7 साल बाद उत्तम दूसरी महिला को अपने घर ले आया। पति की हरकतों से परेशान होकर उसकी पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई। इधर, पत्नी के जाने से नाराज होकर पति उत्तम ने मनेंद्रगढ़ के फेमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदनपत्र प्रस्तुत किया।

इसमें पत्नी के एडजस्ट नहीं कर पाने को आधार बनाया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैमिली कोर्ट ने उत्तम राम के आवेदन को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की। प्रकरण की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में हुई।

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तीन बच्चों के बाद घर लाई महिला
याचिकाकर्ता उत्तम के वकील ने कहा कि पत्नी घर छोड़कर चली गई है। उसके तीन बच्चे हैं और पत्नी एडजस्ट नहीं हो पा रही है। इससे उसका परिवार प्रभावित हो रहा है। ऐसे में उसे तलाक लेने का अधिकार है। इस पर पत्नी की तरफ से जवाब में बताया गया कि पति उसे आए दिन शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। फिर भी वह सब कुछ सहती रही। लेकिन, जब उसका पति किसी और महिला को घर में लाकर रख लिया, तब उसे परेशान होकर घर छोड़ना पड़ा।

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कोर्ट ने कहा- पति को ऐसा करने का हक नहीं
दोनों पक्षों की बहस के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक विवाहित पति और पत्नी के मामले में इस परिस्थिति में एडजेस्टिंग का प्रकरण नहीं बनता है। जिन परिस्थितियों में महिला ने यह कदम उठाया, वह सही था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट पति की अपील खारिज करते हुए फेमिली कोर्ट के निर्णय को सही ठहराया है।

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