बिजनेस

Gold Loan News: गोल्ड लोन लेना होगा मुश्किल, RBI कर रहा नियमों को सख्त करने की प्लानिंग…

Gold Loan News: बीते कुछ समय में गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या में उछाल आया है। इसकी दो प्रमुख वजह हैं। पहली, सोने की कीमतें लगातार चढ़ रही हैं, जिससे लोगों के पास रखे सोने के दाम बढ़ रहे हैं और वह इसका फायदा उठाने के लिए लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। दूसरी, गोल्ड लोन लेना अपेक्षाकृत सरल है। इसलिए तुरंत पैसों की जरूरत होने पर अधिकांश लोन घर में रखे सोने के इस्तेमाल को तवज्जो देते हैं। हालांकि, आने वाले दिनों में तस्वीर कुछ बदल सकती है।

 

क्या है RBI की तैयारी?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गोल्ड लोन के नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रहा है। RBI गोल्ड लोन देने वाली संस्थाओं को कड़ी अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं का पालन करने और फंड के अंतिम उपयोग की निगरानी करने का निर्देश दे सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, RBI चाहता है कि बैंक और नॉन -बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां यानी NBFC गोल्ड लोन लेने वालों के बैकग्राउंड की जांच बढ़ाएं और गिरवी रखे जा रहे सोने के स्वामित्व की सटीक जानकारी हासिल करें।

 

50% की हुई है वृद्धि

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि RBI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि संस्थाएं एक मानक प्रोटोकॉल का पालन करें और गोल्ड लोन सेक्टर में कोई भी ग्रोथ सीमा से बाहर न हो। रिजर्व बैंक की कोशिश अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं पर अंकुश लगाने और वित्तीय स्थिरता की रक्षा करने की है, इसलिए गोल्ड लोन के नियमों को सख्त किया जा सकता है। बता दें कि सितंबर 2024 से बैंकों के गोल्ड लोन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 

मिली हैं कई खामियां

पिछले साल सितंबर में RBI ने कहा था कि उसे गोल्ड लोन में कई अनियमितताएं मिली हैं और उसने ऋणदाताओं से कहा कि वे नियामक खामियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए अपनी ऋण देने की प्रक्रियाओं की व्यापक समीक्षा करें। आरबीआई ने लोन सोर्सिंग और गोल्ड वैल्यूएशन के मूल्यांकन में कमियों की पहचान की है और यह पाया है कि सभी संस्थाएं मानकीकृत नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। पिछले 12 से 16 महीनों में किए गए ऑडिट में केंद्रीय बैंक ने NBFC लेंडर्स के पोर्टफोलियो में अनियमितताएं और सोने के बदले दिए जा रहे लोन अमाउंट की निगरानी में खामियां पाईं हैं।

RBI की है ये चिंता

रॉयटर्स के अनुसार, बैंकों के फिनटेक एजेंट सोना इकट्ठा कर रहे थे, उसका भंडारण कर रहे थे और उसका वजन कर रहे थे, ये ऐसे काम हैं जिन्हें ऋणदाताओं (Lenders) को करना चाहिए। ऋणदाताओं ने बिना कर्जदारों को बताए सोने की नीलामी भी कर दी, जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग नियामक का लक्ष्य सभी ऋणदाताओं के साथ समान व्यवहार करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी संस्था नियमों को दरकिनार न करे, जिसमें सोने की नीलामी और रसीदों के माध्यम से लोन दिए गए पैसे के उपयोग की निगरानी करना शामिल है।

 

महिलाएं ले रहीं ज्यादा लोन

हाल ही में आई नीति आयोग, ट्रांसयूनियन सिबिल और माइक्रोसेव कंसल्टिंग द्वारा तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर, महिलाएं गोल्ड लोन को तवज्जो दे रही हैं। 2019 से 2024 के बीच महिलाओं में गोल्ड लोन लेने के मामले में 6% का उछाल आया है। 2024 में, महिलाओं द्वारा लिए गए कुल लोन में से 36% गोल्ड लोन थे, जबकि 2019 में यह आंकड़ा महज 19% था।

 

इस वजह से बढ़ा रुझान

Gold Loan Newsगोल्ड लोन की तरफ बढ़ते रुझान के कई कारण हैं। सबसे पहला तो यही कि इसमें दूसरे लोन जितनी कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती। गोल्ड लोन हासिल करना अपेक्षाकृत सरल है। इसलिए लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लेने में ज्यादा विश्वास करते हैं। इसके अलावा, सोने की चढ़ती कीमतों से भी गोल्ड लोन के प्रति रुझान बढ़ा है। क्योंकि लोगों को अपने सोने पर पहले से ज्यादा लोन मिल रहा है। वह उतने ही सोने में ज्यादा लोन लेकर अपनी ज्यादा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो गए हैं

Related Articles

Back to top button