पीढ़ीगत अंतर
लड़की जन्म से अपने माता पिता के साथ रही होती है, इसलिए अपने परिवार के रीति रिवाजों और परंपराओं से बचपन से ही अवगत होती है। उसे वहां एडजस्ट करने में समस्या नहीं आती लेकिन जब वह ससुराल आती है तो विचारधारा और परंपराओं को लेकर पीढ़ीगत अंतर को महसूस करती है।
सास समय-समय बहू को बताती हैं कि उनके घर में क्या नियम हैं, उनके परिवार में कैसे रहा जाता है, क्या किया जाता है और उनके दौर में क्या-क्या होता था। लड़की के लिए यह सारी जानकारी नई होती हैं और उनमें से कुछ बातें उसकी विचारधारा से मेल नहीं खाती। ऐसे में दोनों के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है, जिससे तनाव उत्पन्न हो सकता है।
पति के साथ वक्त न बिता पाना
लड़कियां चाहती हैं कि वह अपने जीवनसाथी के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं। उनके बीच एक निजी स्थान हो, जहां वे अपने रिश्ते को समय और महत्व दे सकें। सास-ससुर के साथ रहने पर इस व्यक्तिगत स्पेस में कमी महसूस होती है। अपने माता पिता का घर छोड़कर आई लड़की को सबसे पहले जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाना होता है लेकिन जब सास ससुर भी साथ होते हैं तो उस पर एक साथ सभी के साथ एडजस्ट करने की चुनौती आ जाती है। इससे लड़कियां तनाव महसूस करने लगती हैं।
पति-पत्नी के रिश्ते में हस्तक्षेप
दो अनजान लोग जब शादी के बंधन में बंधते हैं तो उनके बीच प्रेम भी होता है और टकराव भी। दोनों जब साथ रहना शुरू करते हैं तो वह अपने रिश्ते से जुड़े फैसले खुद लेना चाहते हैं लेकिन जब सास-ससुर साथ रहते हैं तो पति-पत्नी के बीच की प्राइवेसी खत्म होने लगती है।
सास-ससुर अपने बेटे-बहू के रिश्ते में हस्तक्षेप करते हैं जो उनके रिश्तों में दूरी पैदा कर देता है। दोनों के बीच टकराव की स्थिति में वह खुद मिलकर मामला सुलझाना चाहते हैं लेकिन संयुक्त परिवार में अक्सर ये निर्णय सामूहिक रूप से या घर के बड़े लेते हैं, जिससे लड़कियों को अपनी भूमिका और अधिकार सीमित महसूस होते हैं। इसके अलावा सास-ससुर के हस्तक्षेप के कारण बेटा-बहू दिखावटी समझौता कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें खुद से एक दूसरे को मनाने-समझाने का मौका ही नहीं मिलता।
Family Tips: सास-ससुर के साथ क्यों नहीं रहना चाहती है लड़किया,जाने क्या है कारन
पति के साथ वक्त न बिता पाना
लड़कियां चाहती हैं कि वह अपने जीवनसाथी के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं। उनके बीच एक निजी स्थान हो, जहां वे अपने रिश्ते को समय और महत्व दे सकें। सास-ससुर के साथ रहने पर इस व्यक्तिगत स्पेस में कमी महसूस होती है। अपने माता पिता का घर छोड़कर आई लड़की को सबसे पहले जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाना होता है लेकिन जब सास ससुर भी साथ होते हैं तो उस पर एक साथ सभी के साथ एडजस्ट करने की चुनौती आ जाती है। इससे लड़कियां तनाव महसूस करने लगती हैं।