इस पेड़ की खेती आपको बना देगी मालामाल, लागत भी नहीं है ज्यादा, जाने कैसे करे शुरुआत
इस पेड़ की खेती आपको बना देगी मालामाल, लागत भी नहीं है ज्यादा, जाने कैसे करे शुरुआत
इस पेड़ की खेती आपको बना देगी मालामाल, लागत भी नहीं है ज्यादा, जाने कैसे करे शुरुआत : अगर आप एक ऐसा बिजनेस आइडिया ढूंढ रहे हैं जो आपको लंबे समय तक अच्छी आमदनी दे सके, तो रबड़ की खेती आपके लिए एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है। रबड़ एक ऐसी फसल है जिसका उपयोग कई तरह के उद्योगों में किया जाता है। रबड़ की खेती से आप न केवल देशी बाजार में बल्कि विदेशी बाजार में भी अपना मुकाम बना सकते हैं। इस लेख में हम आपको रबड़ की खेती के बारे में सब कुछ बताएंगे, जैसे कि रबड़ की खेती कैसे करें, रबड़ की खेती के लिए कौन सी मिट्टी और जलवायु उपयुक्त है, रबड़ की खेती के लिए कितनी लागत और मुनाफा है, रबड़ की खेती के लिए कौन से सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं, रबड़ की खेती से कैसे रबड़ शीट और अन्य उत्पाद बनाएं और रबड़ की खेती से कैसे बंपर कमाई करें।
इस पेड़ की खेती आपको बना देगी मालामाल, लागत भी नहीं है ज्यादा, जाने कैसे करे शुरुआत
रबड़ की खेती करने के लिए अनुकूल जलवायु :
रबड़ की खेती करने के लिए हल्की नरम जलवायु की आवश्यकता होती हैं। रबड़ का पौधा मुख्य तौर पर दक्षिण पूर्व एशिया में उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। रबड़ की खेती करने के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान उपयुक्त होती हैं और 150 से 200 सेंटीमीटर की वर्षा रबड़ की खेती करने के लिए उपयुक्त होती हैं।
खेती कैसे करे :
रबड़ की खेती करने से पहले इसके पौधों की रोपाई करने के लिए खेत की तैयारी करना आवश्यक होता है। क्योंकि रबड़ की खेती करने के लिए इसके तैयार पौधों की रोपाई गड्ढ़ों में की जाती है। इसलिए खेत में गड्ढ़ों को तैयार करने से पहले खेत की कल्टीवेटर की मदद से गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी कर लेनी चाहिए। उसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल करना आवश्यक होता है। पाटा लगाने से खेत समतल हो जाता हैं जिससे खेत की सिंचाई करने में आसानी होती हैं।
रबड़ के पौधों को लगाने का सही समय जून से जुलाई के मध्य का है। रबड़ के पौधों का अच्छा विकास करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है, सूखा होने की स्थिति में पौधा कमजोर होता है, इसमें अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।
पौधों की रोपाई और सिचाई कैसे करें :
रबड़ की पौधे की रोपाई के लिए गड्ढा तैयार करते समय प्रत्येक पौधे के गड्ढे में 10 से 12 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या जैविक खाद और 225 ग्राम रॉक फॉस्फेट का उपयोग करना चाहिए। रबड़ के पौधों का विकास करने के लिए समय-समय पर पोटाश, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस से पर्याप्त मिश्रित उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए और रबड़ की खेती में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना आवश्यक होता हैं। रबड़ के पेड़ को अधिक पानी की जरूरत होती है, इसलिए इसके पौधों को बार-बार पानी देने की आवश्यकता होती है। रबड़ का पौधा सूखा जैसी स्थिति नहीं सहन कर पाता। इसलिए रबड़ के खेत में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए।
40 वर्षों तक पैदावार :
रबड़ का पेड़ एक बार लगाने पर 5 वर्ष का होने के बाद उत्पादन देना शुरु कर देता है, लेकिन 14 साल में उत्पादन उच्च स्तर पर पहुंचता है और लगभग 40 वर्षों तक पैदावार देता रहता है। एक एकड़ के खेत में रबड़ के 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। एक पेड़ से एक साल में 2.75 किलो तक रबर का उत्पादन प्राप्त होता है। इस तरह से किसान भाई 100 से 350 किलो तक रबड़ का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। रबड़ का एक पेड़ 14 साल से लेकर 25 साल तक दूध (लेटेक्स) का अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। हालांकि 25 साल बाद पेड़ों से लेटेक्स का उत्पादन कम प्राप्त होना शुरू हो जाता है। जिसके बाद इन पेड़ों को दूसरे कामों के लिए बेच दिया जाता है। सामान्तयः रबड़ के पेड़ 40 साल के बाद गिर जाते हैं। इन पेड़ों से प्राप्त लकड़ी का इस्तेमाल रबड़वुड फर्नीचर बनाने में होता है।
रबड़ कैसे बनता है :
- रबड़ को बनाने के लिए उसके वृक्ष के तनो में छेद कर पेड़ से निकलने वाले दूध (लेटेक्स) को एकत्रित कर लिया जाता है।
- इसके बाद इस लेटेक्स का केमिकल्स के साथ परीक्षण करते है, ताकि अच्छी गुणवत्ता वाला रबड़ प्राप्त हो सके।
- इसके बाद लेटेक्स को गाढ़ा होने के लिए छोड़ देते है, लेटेक्स में मौजूद पानी के सूख जाने पर केवल रबड़ ही रह जाता है। लेटेक्स पानी से भी हल्का होता है, जिसमे रबड़ के अलावा शर्करा, प्रोटीन, रेज़िन, खनिज लवण और एंजाइम्स पाया जाता है।
- रबड़ में इतना लचीला पन पाया जाता है, जिससे यह अपने आकार से 8 गुना तक लंबा हो सकता है, इसी गुण की वजह से रबड़ के जूते, गेंद और गुब्बारे जैसी चीजों को बनाया जाता है।
- रबड़ बिजली का कुचालक होता है, जिस वजह से इसे विद्युत उपकरणों में इस्तेमाल करते है।
रबर का उत्पादन :
रबड़ का पेड़ 5 वर्षा का हो जाने पर उत्पादन देना आरम्भ करता है, तथा 40 वर्षो तक रबड़ की पैदावार देता रहता है | एक एकड़ के खेत में 150 पौधे लगाए जा सकते है, जिसमे प्रत्येक पेड़ से एक वर्ष में 2.75 का उत्पादन मिल जाता है | बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा रबड़ को खरीद लिया जाता है, जिससे रबड़ को बेचने में किसी तरह की समस्या नहीं होती है, और किसान रबड़ उत्पादन के अनुसार कमाई भी करते है |