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EPFO: EPFO ने शुरू किया ‘Passbook Lite’ पोर्टल, अब एक क्लिक में दिखेगा खाते का पूरा ब्यौरा, बैलेंस चेक सहित बहत कुछ

EPFO कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने सदस्यों को बेहतर, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए किए एक सिंगल लॉग इन पोर्टल ‘Passbook Lite’ की शुरुआत की है। पहले सदस्यों को अपने पीएफ योगदान और निकासी/अग्रिम लेनदेन की जानकारी के लिए EPFO के पासबुक पोर्टल पर लॉगिन करना पड़ता था। अब EPFO ने अपने सदस्य पोर्टल (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) में ‘पासबुक लाइट’ नाम से नई सुविधा शुरू की है।

 

आसानी से मिल जाएंगी ये जानकारियां

पीआईबी के मुताबिक, पासबुक लाइट’पोर्टल के माध्यम से सदस्य बिना अलग पासबुक पोर्टल पर गए, सरल और संक्षिप्त स्वरूप में अपनी पासबुक, योगदान, निकासी और शेष राशि की जानकारी आसानी से देख सकेंगे। यह पहल एक ही लॉगिन में सभी मुख्य सेवाओं को उपलब्ध कराकर उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार लाएगी। इसके बावजूद, सदस्य विस्तृत और ग्राफिकल जानकारी के लिए पुराने पासबुक पोर्टल का उपयोग भी जारी रख सकते हैं। इस कदम से न केवल सदस्य को सुविधा होगी, बल्कि मौजूदा पोर्टल पर भी लोड कम होगा और संचालन दक्षता बढ़ेगी।

 

 

ऑनलाइन Annexure K की सुविधा

जब कर्मचारी नौकरी बदलते हैं, तो उनका PF खाता नए नियोक्ता के PF कार्यालय में ऑनलाइन फॉर्म 13 के जरिए ट्रांसफर होता है। अब तक ट्रांसफर के बाद जो Transfer Certificate (Annexure K) बनता था, वह केवल PF कार्यालयों के बीच ही साझा होता था और सदस्यों को यह केवल अनुरोध पर मिलता था। नई व्यवस्था के तहत सदस्य अब सदस्य पोर्टल से सीधे Annexure K PDF डाउनलोड कर सकेंगे।

 

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Annexure K PDF डाउनलोड के फायदे

ट्रांसफर आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक करने की सुविधा, जिससे पूरी पारदर्शिता बनी रहेगी। यह सुनिश्चित करना कि PF बैलेंस और सेवा अवधि सही तरीके से नए खाते में अपडेट हो। भविष्य में EPS लाभ के लिए स्थायी डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। EPFO प्रक्रियाओं में सहजता, पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक PF ट्रांसफर, सेटलमेंट, अग्रिम, रिफंड जैसी सेवाओं के लिए उच्च अधिकारी (RPFC/Officer-in-Charge) से कई स्तरों पर मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिससे प्रक्रियाओं में देरी होती थी।

 

काफी कुछ हो गया है आसान

EPFOअब EPFO ने इस मंजूरी प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाया है। पूर्व में जो अधिकार RPFC/Officer-in-Charge के पास थे, उन्हें असिस्टेंट PF कमिश्नर और निचले स्तर के अधिकारियों को सौंप दिया गया है। इस सुधार से क्लेम्स का तेजी से निपटान संभव हुआ, प्रोसेसिंग समय कम लगता है। सरल अनुमोदन प्रक्रिया, बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चत हो सकी है। क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर जवाबदेही बढ़ी है। तेज, पारदर्शी और बेहतर सदस्य संतुष्टि संभव हो सका है। यह सुधार EPFO की सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, तेज और सदस्य-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय श्रमिकों के हित में है।

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