Engineers Day 2024: इंजीनियर दिवस क्यू मनाते है क्या हुआ था इस दिन,जाने
इंजीनियर दिवस क्यू मनाते है क्या हुआ था इस दिन
Engineers Day 2024: इंजीनियर दिवस क्यू मनाते है क्या हुआ था इस दिन,जाने आज का दिन हमारे इंजिनयर के लिए बहुत ही काश दिन है आज जो लोग इंजिनयर है या इजिनेर की तयारीकर रहे है वो सभी लोग खुद पर गर्व करते है इंजिनेर का काम होता है कोई भी चीज को जोड़ना जिससे पता लगता है वो इंजिनेर है आगे जानने के लिए अंत तक बने रहे
Engineers Day 2024: इंजीनियर दिवस क्यू मनाते है क्या हुआ था इस दिन,जाने
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- इंजीनियर्स डे का मकसद इंजीनियरिंग की भूमिका को उजागर करना है।
- इस दिन भारत के प्रसिद्ध इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।
- इंजीनियर्स डे युवाओं को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे?(Why is Engineers Day celebrated?)इंजीनियर्स डे सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि यह इंजीनियरों को समर्पित एक पूरे सप्ताह का जश्न है। इस दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें व्याख्यान, प्रदर्शनियां और पुरस्कार समारोह शामिल हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना और इंजीनियरों के योगदान को पहचानना है। विश्वेश्वरैया ने कहा था, ‘एक इंजीनियर का काम सिर्फ मशीनें बनाना नहीं है, बल्कि एक बेहतर समाज का निर्माण करना है।’ उनके इस विचार को हम सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
Engineers Day 2024: इंजीनियर दिवस क्यू मनाते है क्या हुआ था इस दिन,जाने
युवाओं के लिए प्रेरणा बने विश्वेश्वरैया(Visvesvaraya became an inspiration for the youth)
एक तेलुगु परिवार में जन्मे विश्वेश्वरैया ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गांव में ही प्राप्त की। बचपन से ही उनकी जिज्ञासा और सीखने की ललक देखते बनती थी। वे अक्सर गांव के पुराने कुओं और तालाबों को देखकर सोचते रहते थे कि इनका निर्माण कैसे हुआ होगा।
गांव में शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद, विश्वेश्वरैया ने बैंगलोर से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद, इंजीनियरिंग के प्रति उनके जुनून को पूरा करने के लिए उन्होंने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। उस समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन विश्वेश्वरैया ने अपनी मेहनत और लगन से सभी चुनौतियों का सामना किया। पुणे में उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांतों को सीखा, बल्कि कई व्यावहारिक परियोजनाओं में भी भाग लिया।