Chhattisgarh Top news: छत्तीसगढ़ में आज से संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश जारी….

Chhattisgarh Top news राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा 18 अगस्त 2025 से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही थी। इससे पूर्व 13 अगस्त 2025 को आयोजित कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रस्तुत 10 मांगों में से 5 मांगों पर सहमति व्यक्त कर आवश्यक आदेश जारी किए जा चुके थे, जबकि शेष मांगों पर शासन स्तर पर विचार-विमर्श जारी था।
हड़ताल के दौरान विभिन्न स्तरों से बार-बार नोटिस जारी कर कर्मचारियों को कार्य पर लौटने के लिए कहा गया। इसके बावजूद भी अधिकारी एवं कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, जिससे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं और मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि सचिव, स्वास्थ्य विभाग अमित कटारिया ने 29 अगस्त को एक आदेश जारी कर सभी को काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए थे। आदेश का पालन न करने की स्थिति में उन्हें सेवा से पृथक किए जाने का उल्लेख भी आदेश में निहित था। इसके बाद भी काम पर वापस नहीं लौटना आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।
शासन का स्पष्ट मत है कि जनहित से जुड़े कार्यों में लापरवाही या बाधा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। लोकहित को दरकिनार कर की गई यह हड़ताल नियम विरुद्ध आचरण की श्रेणी में आती है और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित करने वाली रही है।
फलस्वरूप, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंदोलनरत 25 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही, शेष प्रकरणों पर भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल “क्यों” की गई थी?
उत्तर: कर्मचारी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर थे, जिनमें नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और अन्य सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं।
सरकार ने “हड़ताली” कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?
उत्तर: सरकार ने बार-बार नोटिस और चेतावनी के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाले 25 अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी है।
क्या सरकार ने सभी “मांगों” को ठुकरा दिया था?
Chhattisgarh Top news: नहीं, रिपोर्ट के अनुसार 10 में से 5 मांगों पर पहले ही सहमति बन चुकी थी और बाकी मांगों पर विचार-विमर्श जारी था।