छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Chhattisgarh Top News: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, 28 लाख रुपये के 12 इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण..

Chhattisgarh Top News देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिले को वामपंथ उग्रवाद से मुक्त करने के लिए राज्य की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के तरफ से हरदिन अपील की जा रही है कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो। सरकार उनके पुनर्वास की व्यवस्था करेगी। उन्हें नौकरी, आवास और नकद धनराशि साथ सम्मान व् सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा नक्सल क्षेत्रों में ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सरकार के इन प्रयासों को सफलता भी मिल रही है। लोन वर्राटू अभियान और सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 9 इनामी नक्सली भी शामिल है जिनपर करीब 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

 

पुलिस ने सभी को तात्कालिक सहायता राशि देते हुए उनसे दूसरे नक्सलियों को सरेंडर के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की है। वही आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने पर ख़ुशी जाहिर की है। सभी ने सामान्य जीवन जीकर समाज और देश के उत्थान की दिशा में काम करने का संकल्प लिया है। गौरतलब है कि नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे ‘लोन वर्राटू’ (घर लौट आओ) अभियान ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस अभियान के तहत अब तक 990 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का रास्ता अपनाया है। इनमें से 238 इनामी नक्सली भी शामिल हैं जो वर्षों से जंगल में रहकर हिंसक गतिविधियों में लिप्त थे। साय सरकार के गठन के करीब डेढ साल में ही 339 नक्सलियों ने सरेंडर किया है जिसमें 72 नक्सलियों पर एक करोड 59 लाख रूपये का इनाम है।

 

क्या है लोन वर्राटु अभियान?

दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा संचालित लोन वर्राटु अभियान का स्थानीय गोंडी भाषा में अर्थ है ‘घर लौटो’। यह अभियान नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का एक प्रभावशाली प्रयास साबित हुआ है। पुलिस और प्रशासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल सुरक्षा प्रदान की जा रही है बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी नौकरी, आवास, आर्थिक सहायता, स्वास्थ्य सुविधा सहित आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे जरूरी दस्तावेज भी बनाए जा रहे हैं। इससे उन्हें समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है।अधिकारियों का कहना है कि लोन वर्राटू अभियान न केवल नक्सलियों को मुख्य धारा में शामिल कर रहा है बल्कि इससे आम जनता में भी सुरक्षा और विश्वास का माहौल बना है। कई नक्सली जो कभी बंदूक उठाए घूमते थे आज खेती-किसानी, मजदूरी, या अन्य रोजगार कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।

लोन वर्राटू’ अभियान क्या है?

: ‘लोन वर्राटू’ (गोंडी भाषा में अर्थ: घर लौट आओ) एक पुलिस-प्रशासनिक अभियान है, जिसका उद्देश्य नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लाना है। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास, सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है।

करने वाले नक्सलियों को सरकार क्या सुविधाएं देती है?

सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी नौकरी, आवास, नकद सहायता, सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, आधार कार्ड, वोटर ID जैसे जरूरी दस्तावेज और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है।

 

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अब तक कितने नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है?

Chhattisgarh Top Newsलोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 990 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 238 इनामी नक्सली शामिल हैं, जो पहले हिंसक गतिविधियों में संलिप्त थे।

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