Chhattisgarh top news: सरकारी राशन पर अमीरों की नजर… रायपुर में 10,361 फर्जी राशन कार्ड रद्द, वसूली और FIR की तैयारी

Chhattisgarh top news छत्तीसगढ़ में राशन कार्डों की ई-केवाईसी और दस्तावेज़ लिंकिंग के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। राजधानी रायपुर सहित राज्यभर में ऐसे हजारों परिवार सामने आए हैं, जिनकी सालाना आय 6 लाख रुपये से अधिक है, जो इनकम टैक्स और जीएसटी तक अदा कर रहे हैं, फिर भी उन्होंने बीपीएल, अंत्योदय और प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड बनवा रखे थे। जांच के बाद रायपुर जिले में अब तक 10,361 फर्जी राशन कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं, जबकि राज्य स्तर पर यह संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है।
वन नेशन–वन कार्ड से सामने आई सच्चाई
वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) प्रणाली लागू होने के बाद आधार, पैन और राशन कार्ड की अनिवार्य लिंकिंग शुरू हुई। इसी प्रक्रिया में अपात्र परिवारों की पहचान हुई। खाद्य विभाग के अनुसार, ऑनलाइन एंट्री के दौरान यह साफ हुआ कि कई ऐसे परिवार सरकारी सस्ती दर के राशन का लाभ उठा रहे थे, जो नियमों के मुताबिक पात्र ही नहीं थे। अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन कार्डों को ऑनलाइन सूची से हटाया।
राशन की होगी बाजार भाव से वसूली
खाद्य संचालनालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों ने नियमों के खिलाफ राशन लिया है, उनसे उतनी ही मात्रा का राशन बाजार भाव से वसूला जाएगा। प्राथमिकता उन मामलों को दी जाएगी, जहां पिछले तीन वर्षों से फर्जी कार्ड के जरिए चावल और शक्कर का उठाव किया गया है। राशि नहीं चुकाने पर एफआईआर दर्ज करने का भी प्रावधान रखा गया है।
ज़्यादा जानेंHealth Tips: सर्दियों में रोज खाएं भुनी हुई किशमिश, जोड़ों के दर्द समेत कई समस्याओं का बना रामबाण इलाज
निष्क्रिय आधार से बने हजारों कार्ड भी रद्द
जांच में यह भी सामने आया कि राज्यभर में 15,590 निष्क्रिय आधार कार्डों के आधार पर भी राशन कार्ड जारी कर दिए गए थे। रायपुर, बिलासपुर, कवर्धा और जशपुर जैसे जिलों में हजारों कार्ड निरस्त किए गए हैं। सभी नाम ऑनलाइन पोर्टल से हटाए जा चुके हैं और कलेक्टरों को विशेष टीम बनाकर भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खाद्य विभाग का सख्त संदेश
Chhattisgarh top newsजिला खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा के अनुसार, ई-केवाईसी के दौरान गड़बड़ी सामने आते ही अपात्र लोगों के कार्ड रद्द किए जा रहे हैं। सरकार का साफ संदेश है- जो पात्र हैं, उन्हें पूरा हक मिलेगा, लेकिन सिस्टम से धोखा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।



