छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Chhattisgarh Top news: सरकार का कड़ा फरमान, काम पर नहीं लौटे कर्मियों को निकालने के दिए निर्देश, 800+ NHM कर्मी बर्खास्त !

Chhattisgarh Top news छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल (NHM Strike in Chhattisgarh) को एक महीना पूरा हो चुका है। 18 अगस्त से जारी यह आंदोलन अब राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) को ठप करने की स्थिति में पहुंच चुका है। सरकार की ओर से 16 सितंबर तक लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन कर्मचारी झुके नहीं। अब सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है और सूरजपुर जिले में 594 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

 

बलौदाबाजार और कोरबा में भी कार्रवाई

 

इससे पहले 16 सितंबर को बलौदाबाजार में 160 और कोरबा में 21 कर्मचारी नौकरी से निकाल दिए गए थे। दोनों जिलों की कार्रवाई को मिलाकर करीब 200 कर्मियों को पहले ही हटाया जा चुका था। अब सूरजपुर की बर्खास्तगी के बाद कुल संख्या 800 से ज्यादा हो चुकी है। देर रात स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने सभी जिलों के सीएमएचओ (CMHO) को निर्देश दिया कि जो कर्मचारी काम पर नहीं लौटे हैं, उन्हें व्यक्तिगत आदेश जारी कर तत्काल बर्खास्त किया जाए। साथ ही खाली पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया (Fresh Recruitment) शुरू करने को कहा गया है।

 

10 सूत्रीय मांगों पर अड़ा संगठन

NHM कर्मचारी संगठन अपनी 10 सूत्रीय मांगों (Demands) को लेकर आंदोलनरत है। इनमें से प्रमुख मांगें हैं-

 

संविलियन और स्थायीकरण (Regularization),

पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना (Public Health Cadre),

ग्रेड पे निर्धारण (Grade Pay),

लंबित 27% वेतन वृद्धि (Salary Hike),

CR सिस्टम में पारदर्शिता (Transparency in CR System),

आरक्षण, अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment),

मेडिकल-लीव की सुविधा (Medical Leaves),

ट्रांसफर पॉलिसी (Transfer Policy)

10 लाख तक का कैशलेस मेडिकल इंश्योरेंस

सरकार इनमें से पांच मांगों पर मौखिक सहमति जता चुकी है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि बिना लिखित आदेश वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। सरकार केवल 5% वेतन वृद्धि देने को तैयार है, जबकि कर्मचारी 27% पर अड़े हुए हैं।

 

आज राजधानी में जेल भरो आंदोलन

सरकार की कड़ी कार्रवाई के बावजूद कर्मचारियों का विरोध तेज हो गया है। आज यानी गुरुवार को राजधानी रायपुर में जेल भरो आंदोलन (Jail Bharo Andolan) का ऐलान किया गया है। तूता धरना स्थल पर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के करीब 10 हजार कर्मचारी जुटेंगे। वहीं पूरे प्रदेश से 16 हजार कर्मचारी इस आंदोलन का हिस्सा बनने की तैयारी में हैं।

प्रदर्शन के अलग-अलग तरीके

NHM कर्मचारियों का विरोध केवल धरना-प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने सरकार को खून से पत्र लिखे, पैरोडी गाने और डांस के जरिए भी विरोध दर्ज कराया। धमतरी में ‘मोर पथरा के देवता मानत नई हे वो’ जैसे छत्तीसगढ़ी गीत पर कर्मचारी नाचते हुए सरकार पर तंज कसते नजर आए। कुछ कर्मचारियों ने सीएम विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुखौटे पहनकर पैरोडी गीतों पर व्यंग्यात्मक नृत्य किया।

 

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स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट, मरीज बेहाल

Chhattisgarh Top newsलगातार चल रही हड़ताल (Protest) ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की कमर तोड़ दी है। ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Centres) से लेकर जिला अस्पतालों तक मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। कई जगह टीकाकरण अभियान प्रभावित है तो वहीं मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हो रही हैं

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