Chhattisgarh Today News: छत्तीसगढ़ में जनगणना आदेश जारी, वरिष्ठ IAS मनोज पिंगुआ बने नोडल अधिकारी..

Chhattisgarh Today News छत्तीसगढ़ शासन के गृह, जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ को राज्य शासन ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने मनोज पिंगुआ को 2027 में प्रस्तावित राष्ट्रीय जनगणना कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश में बताया गया है कि, जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार ने अधिसूचना संख्या क. आ. 2681 (अ) दिनांक 16.06.2025 के तहत घोषणा की है कि भारत की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। उक्त अधिसूचना भारत सरकार के राजपत्र में दिनांक 16.06.2025 को प्रकाशित की गयी है।
राज्य शासन एतद्वारा, राज्य क्षेत्र में जनगणना गतिविधियों के समन्वय के लिए श्री मनोज कुमार पिंगुआ, अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, गृह एवं जेल विभाग को नोडल अधिकारी नियुक्त करता
जनगणना प्रक्रिया पर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च की संभावना
संपूर्ण जनगणना प्रक्रिया पर सरकार को 13,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की संभावना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की 24 दिसंबर, 2019 को हुई बैठक में 8,754.23 करोड़ रुपये की लागत से भारत की जनगणना 2021 कराने और 3,941.35 करोड़ रुपये की लागत से एनपीआर को अद्यतन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा वित्तवर्ष 2025-26 के लिए तैयार बजट में जनगणना सर्वेक्षण और सांख्यिकी/भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के लिए महज 574.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि बजट एक छोटा मुद्दा है और इसे बिना किसी बाधा के सुलझाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में आगामी जनगणना में जातिगत गणना को भी शामिल करने का निर्णय लिया। संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार, जनगणना सातवीं अनुसूची में संघ सूची में 69वें स्थान पर सूचीबद्ध विषय है।
केंद्र सरकार ने कहा था कि कुछ राज्यों ने जातियों की संख्या का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कराए हैं, लेकिन इन सर्वेक्षणों में पारदर्शिता और उद्देश्य अलग-अलग हैं, तथा कुछ सर्वेक्षण विशुद्ध रूप से ‘‘राजनीतिक दृष्टिकोण से, समाज में संदेह पैदा करने’’ के उद्देश्य से कराए गए हैं
नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन प्रश्न तैयार
महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन प्रश्न तैयार किए है। इन प्रश्नों में शामिल है कि क्या परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन, साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल या मोपेड है और क्या उनके पास कार, जीप या वैन है।
नागरिकों से पूछे जाने वाले प्रश्नों में घर में सेवन के अनाज का प्रकार, पीने के पानी का मुख्य स्रोत, प्रकाश का मुख्य स्रोत, शौचालयों तक पहुंच, शौचालय का प्रकार, अपशिष्ट जल निकास, स्नान की सुविधा की उपलब्धता, रसोई और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन की उपलब्धता, खाना पकाने के लिए प्रयुक्त होने वाला मुख्य ईंधन तथा रेडियो, ट्रांजिस्टर और टेलीविजन की उपलब्धता शामिल है।
उनसे जनगणना घर के फर्श, दीवार और छत की प्रमुख सामग्री, गणना में शामिल घर की स्थिति, परिवार में सामान्यतः रहने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या और परिवार की मुखिया महिला है या नहीं, के बारे में पूछा गया। उनसे पूछा गया कि क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से है, परिवार के पास कितने कमरे हैं तथा परिवार में कितने विवाहित जोड़े रहते हैं।
Chhattisgarh Today Newsजनगणना समाज के हर वर्ग का आंकड़ा एकत्र करने का प्राथमिक स्रोत है और यह एक दशकीय गतिविधि है। जनगणना 2027 का सुचारु निष्पादन सुनिश्चित करके जनगणना को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रशिक्षण एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। शीर्ष स्तर पर कम से कम 100 राष्ट्रीय प्रशिक्षक होंगे। राष्ट्रीय प्रशिक्षकों को जनगणना और प्रशिक्षक विकास कौशल दोनों पर प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे अगले स्तर यानी मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दे सके।