Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई, 21 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरने वाला है कानून का डंडा, लिस्ट में जिला आबकारी अधिकारी से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी नाम शामिल…

Chhattisgarh Latest Newsछत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य शासन ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में नामजद आबकारी विभाग के 21 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। इसका सीधा अर्थ यह है कि अब इन अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
अब केस में बतौर आरोपी होंगे शामिल
Chhattisgarh Latest News शासन से मंजूरी मिलने के बाद EOW अब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकेगी जिसमें इन्हें आरोपी के रूप में नामजद किया जाएगा। इससे पहले इन अफसरों से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है लेकिन अभियोजन स्वीकृति न होने के कारण गिरफ्तारी और अन्य कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकी थी। अब यह अड़चन भी समाप्त हो गई
किन अफसरों के खिलाफ मिली स्वीकृति?
Chhattisgarh Liquor Scam: अभियोजन स्वीकृति जिन 21 अधिकारियों के खिलाफ मिली है उनमें वरिष्ठ से लेकर जिला और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनमें जनार्दन कौरव (सहायक जिला आबकारी अधिकारी), अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा (उपायुक्त), अरविंद पाटले, प्रमोद नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास गोस्वामी (सहायक आयुक्त), इकबाल खान, नितिन खंडुजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजु केसर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, अशोक सिंह, मोहित जायसवाल, नीतू नोतानी, रविश तिवारी, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर (जिला आबकारी अधिकारी स्तर तक) के प्रमुख नाम हैं। इन सभी अधिकारियों के नाम पहले से दर्ज एफआईआर में शामिल हैं और अब उन्हें शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों के रूप में केस का सामना करना होगा।।36 आरोपी, कई पहले ही जेल में
Chhattisgarh Latest Newsइस शराब घोटाले की एफआईआर में कुल 36 आरोपी बनाए गए थे जिनमें से कई राजनेता, उद्योगपति और सरकारी अफसर पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। अब बचे हुए अधिकारियों के खिलाफ भी अभियोजन की अनुमति मिलने से मामले में और तेज़ी आने की संभावना है।
बस्तर में ताबड़तोड़ छापे, पूर्व मंत्री लखमा से जुड़ा कनेक्शन
Chhattisgarh Latest Newsशनिवार को EOW ने बस्तर के पाँच कस्बों में 15 ठिकानों पर छापेमारी की। इन छापों का संबंध पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जोड़ा जा रहा है, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि ये छापे उन्हीं के नेटवर्क से जुड़े स्थानों पर डाले गए हैं। इससे पहले कई बार इन अधिकारियों की गिरफ्तारी की चर्चाएं सामने आई थीं लेकिन शासन से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण EOW को कार्रवाई रोकनी पड़ी थी। अब जब शासन की हरी झंडी मिल गई है, तो जल्द ही गिरफ्तारी सहित अन्य कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।