छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Chhattisgarh Daily News: छत्तीसगढ़ में 2 दिन मीट बेचने पर रोक, डोल ग्यारस और अनंत चतुर्दशी पर मटन-चिकन दुकानों रहेंगी बंद..

Chhattisgarh Daily News राजधानी रायपुर में आगामी डोल ग्यारस (3 सितंबर 2025) और अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर 2025) पर मांस-मटन की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। यह आदेश रायपुर नगर पालिक निगम की महापौर मीनल चौबे के निर्देश और छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेशों के पालन में जारी किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

नगर निगम रायपुर के स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य अधिकारी प्रीति सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन दोनों पावन पर्वों के दौरान शहरभर में स्थित पशुवध गृह (Slaughter House) और सभी मांस-मटन विक्रय की दुकानें बंद रहेंगी। निगम क्षेत्र के हर वार्ड और जोन में अधिकारी इस प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करवाएंगे।

 

होटलों और रेस्त्रां पर भी होगी सख्ती

नगर निगम ने साफ किया है कि केवल दुकानों पर ही नहीं, बल्कि होटल (Hotels in Raipur), रेस्त्रां और ढाबों में भी मांस-मटन परोसने पर रोक रहेगी। यदि किसी प्रतिष्ठान में इस दौरान मांस परोसा जाता है तो निगम की टीम जप्ती की कार्रवाई (Seizure Action) करेगी और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखकर फैसला

डोल ग्यारस और अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व पूरे प्रदेश में विशेष रूप से माना जाता है। इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीकृष्ण झांकी और गणेश विसर्जन जैसे धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं। श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ही नगर निगम ने यह निर्णय लिया है।

 

Meat
Meat

निगरानी के लिए टीमें गठित

निगम ने अपने सभी जोन स्वास्थ्य अधिकारी (Zonal Health Officer) और स्वच्छता निरीक्षक (Sanitation Inspectors) को आदेशित किया है कि वे लगातार निगरानी रखें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी इलाके में मांस-मटन की बिक्री न हो। निगम की टीमें 3 और 6 सितंबर दोनों दिन सक्रिय रहेंगी।

ये भी पढ़ें: CAA New Rule: केंद्र सरकार का CAA पर बड़ा फैसला, 2024 तक आए पाकिस्तान-बांग्लादेश और अफगानिस्तान अल्पसंख्यक भारत में रह सकेंगे…

 

लोगों से अपील

Chhattisgarh Daily Newsनगर निगम रायपुर ने नागरिकों से अपील की है कि वे इन पावन पर्वों पर प्रशासन के आदेश का पालन करें और धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए सहयोग प्रदान करें। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से समाज में सामूहिक सद्भाव (Social Harmony) को बढ़ावा मिलेगा।

Related Articles

Back to top button