छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Chhattisgarh Daily News: महिलाओं ने SECL के खिलाफ किया अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन, बोलीं-जमीनें ली.. नहीं दी नौकरी मुआवजा इसलिए किया प्रदर्शन..

Chhattisgarh Daily News कोरबा जिले के कुसमुंडा क्षेत्र में स्थित दक्षिण पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के मुख्य कार्यालय के समक्ष गुरुवार को उस वक्त तनाव का माहौल बन गया जब 20 से अधिक ग्रामीण महिलाएं साड़ी उतार कर अर्धनग्न अवस्था में धरने पर बैठ गईं। ये महिलाएं विगत 40 वर्षों से खदान परियोजना से विस्थापित अपने परिवारों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग कर रही हैं। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने आरोप लगाया कि कंपनी ने उनकी पुश्तैनी ज़मीन तो अधिग्रहित कर ली, लेकिन उन्हें आज तक किसी प्रकार की नौकरी या समुचित मुआवज़ा नहीं मिला। आंदोलन की अगुआई कर रही फुलेश्वरी बाई ने कहा, “हमारे पिता और दादा के समय से ज़मीन दी जा चुकी है। अब हम बेटियां बची हैं, लेकिन हमारे हिस्से में सिर्फ गड्ढे और धूल है।”

बेटी है तो अधिकार नहीं?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कई परिवारों को पहले ही नौकरी मिल चुकी है, लेकिन जिन परिवारों में बेटा नहीं है, उन्हें नियोजन से वंचित रखा गया है। इस कथित लैंगिक भेदभाव से महिलाएं बेहद आहत हैं। “हम लड़कियां हैं, क्या हमें जीने और रोज़गार पाने का हक़ नहीं?”

मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी देने का आरोप

महिलाओं ने कंपनी प्रबंधन पर फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से भर्ती करने का गंभीर आरोप भी लगाया है। उनका दावा है कि कुछ मामलों में जीवित पिता के नाम पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी दी गई, जबकि असली ज़मीनदाता परिवार अब भी लाइन में खड़ा है।

 

इन गांवों से हैं प्रदर्शनकारी

इस आंदोलन में सोनपुरी, बालिपडनिया, जटराज, अमगांव, बरकुटा, गेवरा बस्ती, खोडरी और भिलाईबाजार सहित 8 गांवों के लगभग 150 परिवार शामिल हैं। इन गांवों के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार आवेदन और दस्तावेज़ जमा किए, लेकिन नतीजा आज तक सिफर रहा।

कार्यालय में ठप रहा कामकाज

धरने का असर SECL के कार्यालयीन कार्यों पर भी पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने दफ्तर का मुख्य द्वार जाम कर दिया, जिससे अधिकारी और कर्मचारी अंदर फंसे रहे। इससे पहले कंपनी की खदान पर प्रदर्शन करने वाली कुछ महिलाओं को जेल भेजा गया था, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे प्रशासनिक कार्यालय को निशाने पर लिया है।

 

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SECL का पक्ष

SECL के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सनीश चंद्र ने कहा कि प्रदर्शनकारी निर्धारित नियमों के इतर मुआवजा और रोजगार की मांग कर रहे हैं। “प्रबंधन हमेशा संवाद के लिए तैयार है और हम सभी पक्षों से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं को बातचीत के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे प्रदर्शन पर अड़ गईं।

 

प्रदर्शन अभी जारी रहेगा

Chhattisgargh Daily Newsधरने पर बैठी महिलाओं ने दो टूक कहा है कि जब तक उन्हें नौकरी और उनका हक नहीं मिलेगा, वे न तो वापस जाएंगी और न ही चुप बैठेंगी। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने पुतला जलाकर भी विरोध दर्ज कराया।

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