Chardham Yatra: चारधाम यात्रा का समापन, बदरीनाथ धाम के कपाट आज से बंद

Chardham Yatra उत्तराखंड के उच्च हिमालयी गढ़वाल क्षेत्र में स्थित भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के बंद होने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का औपचारिक समापन हो गया। कपाट बंद होते समय तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ धाम में मौजूद रही। ठंड के बावजूद देश और विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के आखिरी दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार, समापन अनुष्ठान मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी ने पूर्ण वैदिक विधि से संपन्न किया। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया था। कई क्विंटल गेंदे के पुष्पों-विशेष रूप से पीले और नारंगी से अलंकृत बदरीनाथ धाम का दृश्य अद्वितीय छटा बिखेर रहा था।
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करीब 51 लाख श्रद्धालुओं ने की चारधाम यात्रा
बदरीनाथ धाम के पौरणिक महत्व और धार्मिक केंद्रित आस्था को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा प्रदेश की अर्थव्यवस्था की धुरी मानी जाती है। इस वर्ष यात्रा ने रिकॉर्ड बनाया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में करीब 51 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की, जिनमें हेमकुंड साहिब पहुंचने वाले 2.74 लाख श्रद्धालु भी शामिल हैं। यमुनोत्री में 6.44 लाख, गंगोत्री में 7.58 लाख, केदारनाथ में 17.68 लाख, और बदरीनाथ में कपाट बंद होने से पहले तक 16.52 लाख तीर्थयात्री पहुंचे।
अब अगले साल अप्रैल-मई में खुलेंगे कपाट
Chardham Yatraगढ़वाल हिमालय के चार धामों में से तीन धामों के कपाट पिछले माह ही शीतकाल के लिए बंद किए जा चुके हैं। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद हुए थे जबकि गंगोत्री के कपाट दीवाली के अगले दिन अन्नकूट के पर्व पर 22 अक्टूबर को बंद किए गए थे। सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड के कारण उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धामों के कपाटों को हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोल दिए जाते हैं।


