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Chandrayaan-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ लैंडर, 23 अगस्त को चांद पर करेगा लैंड…

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर को सफलतापूर्वक प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग कर दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि लैंडर आगे की यात्रा अकेले ही तय करेगा. इसरो के मुताबिक आने वाले 6 दिन लैंडिंग के लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि यहां लैंडर को कई अहम पड़ाव काफी तेजी के साथ पार करने है.

 

इसके अलावा इसरो ने बताया, इस बीच प्रोपल्शन मॉड्यूल लगातार इसी धुरी पर घूमते हुए इसरो को पृथ्वी की कई अहम जानकारियां आने वाले कई सालों तक देता रहेगा. यह पेलोड आने वाले कई सालों तक पृथ्वी के वायुमंडल का स्पेक्ट्रोस्कोपिक अध्ययन करने के लिए जानकारी भेजेगा.

पृथ्वी पर बादलों के बनने और उनकी दिशा की सटीक जानकारी देगा. अंतरिक्ष में होने वाली अन्य गतिविधियों के बारे में अहम जानकारियां देता रहेगा जिससे आने वाले समय में हमें वहां होने वाली अहम घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती रहे.

प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने के बाद क्या होगा?

 

Chandrayaan-3: इसरो की मानें तो प्रोपल्शन माड्यूल से अलग होने की प्रक्रिया के बाद लैंडर को चंद्रमा की तरफ जाने वाले 90 डिग्री का एक टर्न लेना है. यह अहम है क्योंकि इसकी रफ्तार इस समय बहुत तेज है. टर्न लेने के बाद भी चुनौतियां यहां खत्म नहीं होंगी क्योंकि इसके बाद जब लैंडर चंद्रमा की सीमा में प्रवेश करेगा उस समय भी उसकी रफ्तार काफी ज्यादा होगी. ऐसे में वैज्ञानिक लैंडर की डीबूस्टिंग करेंगे.

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