Chakradhar samaroh 2025: लोकप्रिय लोकगायक सुनील मानिकपुरी ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
कर्मा, शैला और ‘हमर पारा तुहर पारा’ जैसे गीतों से गुंजा चक्रधर समारोह

Chakradhar samaroh 2025: रायगढ़, 28 अगस्त 2025 / अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में गुरुवार की शाम छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत की सुगंध बिखरी। प्रदेश के लोकप्रिय लोकगायक श्री सुनील मानिकपुरी ने अपनी सुरीली आवाज और ऊर्जावान प्रस्तुतियों से ऐसा समा बाँधा कि पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। श्री मानिकपुरी ने अपने सुप्रसिद्ध गीत “हमर पारा तुहर पारा”, “तोरे सेवा ल मैं गांवा ओ काली महाकाली मोर दाई ओ”, “गुईया रे गुईया रे”, “का जादू डरे” जैसे झारखंडी और लोकगीतों के साथ कर्मा व शैला गीतों ने समारोह के पूरे वातावरण को संगीतमय कर दिया। उनकी मधुर स्वर लहरियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
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मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के निवासी सुनील मानिकपुरी छत्तीसगढ़ के चर्चित लोकगायक हैं। वे बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित रहे हैं और छत्तीसगढ़ी, हिंदी, भोजपुरी एवं नागपुरी गीतों में अपनी पहचान बना चुके हैं। लोकप्रिय कर्मा गीत गायक के रूप में उनकी विशेष पहचान है। इसके अलावा वे छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं तथा खलनायक की भूमिका के लिए बेस्ट विलेन अवॉर्ड से सम्मानित भी हो चुके हैं। उनके गीत “लिख दे हूं जिनगी तोर नाम”, “काबर रंगे मोला माया के रंग में” सहित कई रचनाएँ श्रोताओं के बीच विशेष लोकप्रिय रही हैं।