छत्तीसगढ़

CG News: निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क के 96 पद खाली, हुई रिटायर्ड कर्मचारियों की नियुक्ति…

CG News : रायपुर के बाद छत्तीसगढ़ के दूसरे बड़े नगर पालिक निगम बिलासपुर में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 96 विभिन्न पद कई साल से रिक्त हैं। वहीं दूसरी ओर निर्वाचित परिषद अपनों को उपकृत करने के लिए रिटायर्ड कर्मचारियों को विगत 4-5 वर्ष से लगातार संविदा नियुक्तियां दे रहा है। स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ, छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश तिवारी ने इसका कड़ा विरोध किया है।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि चहेते कर्मचारियों को उपकृत किया जा रहा है। वहीं पदोन्नति की वर्षों से बाट जोह रहे कर्मचारियों और बेरोजगार युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नगर निगम का स्थापना व्यय 60 करोड़ रुपए वार्षिक है।

 

11 लोगों को संविदा नियुक्ति प्रदान की गई

 

 

शासन द्वारा निकायों को अपना स्थापना व्यय 65 फीसदी से कम करने के निर्देश हैं, लेकिन बिलासपुर नगर निगम का स्थापना व्यय 2 फीसदी यानी 1.74 करोड़ रुपए मासिक से अधिक है। नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर सती यादव की मानें तो निगम में रिक्त पदों की नियुक्ति का अधिकार शासन को है। इसलिए कामकाज सुचारु रखने एमआईसी की सहमति से 11 लोगों को संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है।

 

पद समाप्त होने के बावजूद 5 को बार बार एक्सटेंशन आधिकारिक जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट के बाद 12 कर्मचारी निगम में संविदा पर कार्य कर रहे हैं। इनमें 5 कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके पद समाप्त होने के बावजूद उन्हें बार बार एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिया जा रहा है।

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आखिर इन पर एमआईसी और अफसरों की मेहरबानी क्यों ?

 

1. सहायक ग्रेड 2 श्रीराम सुंदर मिश्रा 31 अक्टूबर 2019 में रिटायर हो चुके हैं। संविदा नियुक्ति के बाद हर साल इन्हें एक्सटेंशन दिया जा रहा है। ये एकाउंट सेक्शन में हैं। 2. सहायक ग्रेड 2 प्रभात श्रीवास्तव 31 अक्टूबर 2022 को रिटायर हुए हैं और इन्हें संविदा नियुक्ति दे दी गई। 3. सहायक ग्रेड 2 मुजर हुसैन 31 जनवरी 2022 को रिटायर हो चुके हैं, तब से संविदा पर काम कर रहे हैं।4. राजस्व उप निरीक्षक अखिलेश शुक्ला 30 जून 2021 को रिटायर हो चुके हैं, तब से संविदा पर इसी पद और विभाग में काम कर रहे हैं। 5. सहायक ग्रेड 2 मोहन लाल देवांगन 31 अक्टूबर 2018 को रिटायर हुए थे। पहले इन्हें संविदा नियुक्ति दी गई, फिर हर साल एक्सटेंशन दिया जा रहा है। अभी ये जोन क्रमांक 2 में पदस्थ हैं। 6. साहेब लाल यादव सहायक राजस्व निरीक्षक 31 जनवरी 2022 को रिटायर हुए । इसके बाद इन्हें संविदा नियुक्ति दे दी गई है। 7. सहायक ग्रेड 3 चंद्रशेखर यादव 31 जून 2021 रिटायर हुए। इसके बाद इन्हें संविदा नियुक्ति मिल गई। 8. विजय मुदलियार सुपरवाइजर 31 मार्च 2017 को रिटायर हुए, तब से संविदा फिर हर साल एक्सटेंशन पर हैं। 9 इनके अतिरिक्त अब्दुल हफीज, राजेश वर्मा, राजू महाकूड़ संविदा नियुक्ति पर काम कर रहे हैं।

 

पदोन्नति के बाद 5 पद समाप्त

 

पदोन्नति के बाद पांच लोगों के पद समाप्त हो चुके हैं, इसके बावजूद ये संविदा पर डटे हुए हैं। इनमें सहायक वर्ग 2 मोहन लाल देवांगन, मुजर हुसैन, राजू महाकूड़, प्रभात श्रीवास्तव और रामसुंदर मिश्रा शामिल हैं।

 

समकक्ष पद पर एमआईसी की सहमति से रखा

 

नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर सती यादव ने ‘दैनिक भास्कर’को बताया कि सेवानिवृत्ति के उपरांत संविदा पर 11 लोगों को नियुक्ति दी गई है। इनमें 5 शामिल हैं, जिनके पद समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को एमआईसी की अनुशंसा पर समकक्ष पदों पर नियुक्ति दी गई है। रिक्त पदों पर नियुक्ति का अधिकार शासन को है, इसलिए निगम में सेट अप के मुताबिक सभी पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है।

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संविदा नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की मांग

 

स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश तिवारी ने महापौर और नगर निगम कमिश्नर से मांग की है कि सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में निगम द्वारा 11 से अधिक कर्मियों को संविदा नियुक्ति दी गई है, जिसका महासंघ कड़ा विरोध करता है।

 

तिवारी ने कहा कि पदोन्नति की राह देख रहे कर्मचारियों को रिक्त पद पर नियुक्ति, दैनिक वेतनभोगी, प्लेसमेंट कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति की मांग महासंघ वर्षों से कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम में चहेते कर्मियों को संविदा नियुक्ति से उपकृत कर निगम के निष्ठावान कर्मियों, बेरोजगार युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

 

स्थापना व्यय लिमिट से बाहर

 

CG News  : नगर निगम के लेखाधिकारी नरेश देवांगन के मुताबिक राज्य शासन द्वारा नगर पालिक निगमों को अपना स्थापना व्यय 65 फीसदी से कम करने के निर्देश दिए गए हैं। इस पर अमल का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में स्थापना व्यय निर्धारित से 2 फीसदी यानी 1.74 करोड़ अधिक है। निगम का वार्षिक स्थापना व्यय 60 करोड़ रुपए है, परंतु इसमें नाली सफाई के लिए नियुक्त लेबरों का पारिश्रमिक शामिल नहीं है। यह 1.70 करोड़ रुपए मासिक है।

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