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CBSE New Guidelines: CBSE ने दी बड़ी राहत, अब एडमिशन की मारामारी खत्म, बोर्ड ने जारी की नई गाइडलाइन…

CBSE New Guidelines: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने देशभर के स्कूलों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. नई गाइडलाइंस स्कूलों की कक्षा संरचना और बुनियादी ढांचे को लेकर लाई गई है जो शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और छात्रों के लिए बेहतरीन माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है. ये नियम न सिर्फ नए स्कूलों पर लागू होंगे, बल्कि पहले से संबद्ध सभी स्कूलों को भी इनका पालन करना होगा. तो आइए जानते हैं क्‍या क्‍या बदलाव हुए हैं…

CBSE Schools Area: एरिया होगा उतनी ही कक्षाएं

सीबीएसई की नई नीति के मुताबिक अब स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के सेक्शंस यानी क्लासेस की संख्या स्कूल के कुल बिल्ट-अप एरिया के आधार पर तय की जाएंगी. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि स्कूल में जितना बड़ा एरिया होगा उतनी ही कक्षाएं चलाई जा सकेंगी.खास बात ये है कि कक्षा 9-10 और 11-12 के सेक्शंस की संख्या,स्कूल की कुल सेक्शंस की संख्या के चौथाई (1/4th) से ज्यादा नहीं हो सकती. उदाहरण के लिए अगर किसी स्कूल में कुल 20 सेक्शंस हैं तो 9-10 और 11-12 के लिए मिलाकर सिर्फ 5 सेक्शंस ही हो सकते हैं. इसके अलावा हर तीन अतिरिक्त सेक्शंस के लिए कम से कम 400 वर्ग मीटर का अतिरिक्त कार्पेट एरिया अनिवार्य होगा.ये नियम इस बात का ध्यान रखेगा कि स्कूलों में ओवरक्राउडिंग न हो और हर छात्र को पर्याप्त जगह मिले

CBSE Schools New Guidelines: बुनियादी सुविधाओं पर खास फोकस

सीबीएसई ने स्कूलों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक ढांचे की भी नई लिस्ट जारी की है ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों के लिए भी बेहतर माहौल मिले. इसके तहत हर स्कूल में 112 वर्ग मीटर का पुस्तकालय होना जरूरी है, जहां छात्र किताबों के जरिए नई चीजें सीख सकें. कक्षा 6 से 10 तक के लिए विज्ञान, गणित और कंप्यूटर लैब्स अनिवार्य हैं ताकि प्रैक्टिकल नॉलेज बढ़े. 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी लैब्स भी शामिल की गई हैं जो उच्च शिक्षा के लिए जरूरी हैं.48 वर्ग मीटर का इनफर्मरी या वेलनेस रूम हर स्कूल में होना चाहिए ताकि बच्चों का स्वास्थ्य ध्यान रखा जा सके.संगीत, कला, खेल और अन्य एक्टिविटीज के लिए 216 वर्ग मीटर का एक बड़ा हॉल या चार अलग-अलग कमरे होने चाहिए ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो.

क्यों जरूरी है ये कदम?

सीबीएसई का ये फैसला शिक्षा की गुणवत्ता को ऊंचा उठाने और स्कूलों में छात्रों के लिए समुचित सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लिया गया है.आज के दौर में जहां टेक्नोलॉजी और प्रैक्टिकल लर्निंग पर जोर है.ये गाइडलाइंस सुनिश्चित करेंगी कि स्कूल इस बदलाव के साथ कदम मिलाएं.इससे न सिर्फ पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा, बल्कि छात्रों को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल भी मिलेगा. मौजूदा स्कूलों के लिए ये चुनौती होगी कि वे अपने ढांचे को इन मानकों के मुताबिक अपग्रेड करें, लेकिन लंबे वक्त में ये बच्चों के भविष्य के लिए फायदेमंद साबित होगा.

 

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क्या होगा असर?

CBSE New Guidelinesनियम स्कूल मैनेजमेंट के लिए एक टेस्ट की तरह हैं.छोटे स्कूलों को अपने बिल्डिंग एरिया बढ़ाना पड़ सकता है, जबकि बड़े स्कूलों को अपनी सुविधाओं को और पुख्ता करना होगा.माता-पिता के लिए भी ये अच्छी खबर है क्योंकि अब उनके बच्चे बेहतर माहौल में पढ़ सकेंगे.सीबीएसई का ये कदम निश्चित तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा और आने वाले दिनों में इसके नतीजे साफ दिखाई देंगे.

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