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Cabinet Meeting: मोदी कैबिनेट में 5 बड़े प्रस्तावों पर लगी मुहर, किसानों को मिली बड़ी सौगात..

Cabinet Meeting केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फैसले के तहत, 2025-26 के खरीफ सीजन के लिए एमएसपी को बढ़ाया गया है, जिसमें लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

 

किसानों को क्या मिलेगा?

 

– एमएसपी में बढ़ोतरी: खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसल के लिए बेहतर दाम मिलेगा।

– उत्पादन लागत पर 50% मार्जिन: सरकार ने उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मार्जिन तय किया है, जिससे किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिलेगा।

– 14 फसलों के लिए एमएसपी: धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, दलहन, तिलहन, कपास जैसी 14 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाया गया है।

 

इन 14 फसलों की बढ़ी एमएसपी

फसल MSP 2024-25 MSP 2025-26 MSP कितनी बढ़ी

धान (सामान्य) 2,300 2,369 69

धान (A ग्रेड) 2,320 2,389 69

ज्वार (हाईब्रिड) 3,371 3,699 328

ज्वार (माल्डंडी) 3,421 3,749 328

बाजरा 2,625 2,775 150

रागी 4,290 4,886 596

मक्का 2,225 2,400 175

तुअर/अरहर 7,550 8,000 450

मूंग 8,682 8,768 86

उड़द 7,400 7,800 400

मूंगफली 6,783 7,263 480

सूरजमुखी 7,280 7,721 441

सोयाबीन 4,892 5,328 436

तिल 9,267 9,846 579

रामतिल 8,717 9,537 820

कपास (मिडिल स्टेपल) 7,121 7,710 589

कपास (लॉन्ग) 7,521 8,110 589

किसानों को मोदी कैबिनेट की सौगात: धान, ज्वार, बाजरा सहित खरीफ की इन फसलों का बढ़ा MSP, जानें 5 बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया। मीटिंग में किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है।

 

 

– एमएसपी में बढ़ोतरी: खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को उनकी फसल के लिए बेहतर दाम मिलेगा।

– उत्पादन लागत पर 50% मार्जिन: सरकार ने उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मार्जिन तय किया है, जिससे किसानों को उनकी फसल का अच्छा दाम मिलेगा।

– 14 फसलों के लिए एमएसपी: धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, दलहन, तिलहन, कपास जैसी 14 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाया गया है।

 

 

संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) को मिली स्वीकृति

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के अंतर्गत ब्याज अनुदान (आईएस) घटक को जारी रखने की अनुमति दी है। इस योजना के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधानों को भी मंजूरी प्रदान की गई है। यह योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए किसानों को सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण उपलब्ध कराना है।

 

इस योजना के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से अधिकतम ₹3 लाख तक के ऋण पर 7% की रियायती ब्याज दर दी जाती है। पात्र वित्तीय संस्थाओं को 1.5% ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) के तहत 3% तक की अतिरिक्त छूट मिलती है, जिससे उनकी प्रभावी ब्याज दर घटकर 4% रह जाती है। देशभर में वर्तमान में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते मौजूद हैं। यह योजना किसानों, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

कैबिनेट से मिली हाइवे और रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी

कैबिनेट की बैठक में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम पोर्ट तक पहुंचने के लिए एक चार लेन हाईवे को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा बाडवेल से नेल्लौर तक एक नया हाईवे बनाया जाएगा। तरलाम से नागदा रेल मार्ग की चार-लाइनिंग को भी स्वीकृति मिली है, जिसकी लंबाई 41 किलोमीटर होगी और इस पर लगभग ₹1,018 करोड़ की लागत आएगी। यह विस्तार मुंबई से दिल्ली के फ्रेट कॉरिडोर की क्षमता को भी बेहतर बनाएगा।

 

रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को हरी झंडी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है, जिनमें रतलाम-नागदा खंड पर तीसरी और चौथी रेल लाइन और वर्धा-बल्हारशाह खंड पर चौथी लाइन शामिल है। इन परियोजनाओं पर कुल अनुमानित खर्च ₹3,399 करोड़ होगा और इन्हें 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत बहु-मॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से लाई गई हैं।

 

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Cabinet Meetingयह विस्तार महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों में फैला होगा और भारतीय रेलवे के नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि करेगा। इन परियोजनाओं से 784 गांवों को जोड़ा जाएगा, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 19.74 लाख है।

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