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सेब की खेती करने से आप बन सकते है धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोती कमाई,जाने खेती करने का सही तरीका

सेब की खेती करने से आप बन सकते है धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोती कमाई

सेब की खेती करने से आप बन सकते है धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोती कमाई,जाने खेती करने का सही तरीका आगे जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे

सेब की खेती करने से आप बन सकते है धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोती कमाई,जाने खेती करने का सही तरीका

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सेब के लिए खेत की मिट्टी(Farm Soil for Apple)

नीचे कठोर सतह नहीं होनी चाहिए। ऐसे सेब के पौधों का विकास प्रभावित होता है। अगर आप सेब की खेती करना चाहते हैं ते खेत में तीन बार अच्छी तरह से जुताई करें। इसके बाद रोटावेटर चलाकर खेत की मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। अब खेत को समतल बनाने के लिए ट्रैक्टर की सहायता से पाटा चलाएं। अब आपका खेत सेब की बागवानी के लिए तैयार है। अब आपको पौधरोपण करना होगा। पौधरोपण के लिए खेत में 10 से 15 फीट की दूरी पर 2 फीट गहरा गड्ढा बनाएं। इस गड्ढे में गोबर खाद और रासायनिक खाद डालकर अच्छे से मिलाएं। इसके बाद खेत की सिंचाई करें। आपको यह सब काम पौधरोपण से करीब डेढ़ महीने पहले करना है।

सेब का पौधरोपण(apple plantation)

सेब की बागवानी या खेती के लिए पौधे एक साल पुराने और बिल्कुल स्वस्थ होने चाहिए। सेब के पौधों का रोपण गड्ढों में किया जाता है। एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी और गहराई की जानकारी आपको ऊपर दे दी गई है। इन गड्ढ़ों के बीच एक छोटा सा गड्ढा तैयार कर उसे गौमूत्र से उपचारित करना चाहिए। इसके बाद सेब के पौधों का इन गड्ढों में रोपण करना चाहिए। रोपण के बाद जड़ों की नमी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए गड्ढों में मिट्टी के साथ नारियल के छिलके भी डाल सकते हैं। पौधरोपण का उचित समय जनवरी व फरवरी माह है।

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इस समय पौधों को उचित वातावरण मिलता है, जिससे वे समुचित विकास करते हैं। सेब के पौधों के विकास के लिए जरूरी है कि पौधा ऐसी जगह पर हो जहां सूर्य का प्रकाश माह में औसत 200 घंटे पर्याप्त मात्रा में सीधे पौधे को प्राप्त हो। यहां आपको बता दें कि फूल खिलते समय मार्च माह से अप्रैल माह में बारिश का और तापमान में उतार-चढ़ाव का भी सेब उत्पादन पर वितरित प्रभाव पड़ता है।

सेब की खेती में सिंचाई व्यवस्था(Irrigation system in apple farming)

सेब की खेती के लिए पौधों का रोपण सर्दी के मौसम में किया जाता है। पौधा रोपण के तुरंत बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए। सर्दी के महीनों में 2 से 3 बार सिंचाई जरूरी है। गर्मी के महीनों में प्रति सप्ताह सिंचाई करना जरूरी होता है। बारिश के मौसम में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए। कुल मिलाकर सेब की बागवानी में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।

सेब की खेती में उर्वरक और खाद प्रबंधन(Fertilizer and Manure Management in Apple Farming)

सेब की खेती या बागवानी के लिए उर्वरक और खाद का प्रबंधन करने से पूर्व खेत की मृदा का परीक्षण कराना चाहिए। सामान्य उपजाऊ भूमि में सेब की खेती में प्रत्येक पेड़ के लिए दस किलोग्राम गोबर खाद, एक किलोग्राम नीम की खली, 70 ग्राम नाइट्रोजन, 35 ग्राम फास्फोरस और 720 ग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है

सेब की खेती करने से आप बन सकते है धन्नासेठ कम लागत में होंगी मोती कमाई,जाने खेती करने का सही तरीका

पेड़ की आयु के अनुसार 10 साल तक खादों की मात्रा बढ़ाकर डालनी चाहिए। इसके अलावा एग्रोमीन या मल्टीप्लेक्स जैसे सूक्ष्म तत्वों का मिश्रण, कैल्शियम सल्फेट, जिंक सल्फेट, बोरेम्स आदि को मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार समय समय पर देते रहना चाहिए। इससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।

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