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Best Tourist Village: भारत देश के ये 3 गांव विदेशी भी हो गए दीवाने,यहाँ जाने मात्र से जन्नत का एहसास होता है,जाने

भारत देश के ये 3 गांव विदेशी भी हो गए दीवाने,यहाँ जाने मात्र से जन्नत का एहसास होता है

Best Tourist Village: भारत देश के ये 3 गांव विदेशी भी हो गए दीवाने,यहाँ जाने मात्र से जन्नत का एहसास होता है,जाने प्राणपुर, सावरवानी और लाड़पुरा खास को पर्यटन दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम से सम्मानित किया गया है. प्रदेश के चंदेरी स्थित प्राणपुर को शिल्प श्रेणी पुरस्कार दिया गया है. जबकि छिंदवाड़ा के सावरवानी आगे जानने के लिए हमारे साथ अंत अटक बने रहे

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जानें आखिर क्यों खास हैं देश के यह तीन गांव(Know why these three villages of the country are special)

देश के तीन गांवों को सम्मानित किए जाने पर पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि ‘यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इससे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित किया गया है. साथ ही ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाने की कोशिश की गई है.’

सावरवानी में पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल चुकी है पहचान(Sawarvani has already received international recognition)

सतपुड़ा के जंगलों में बसा आदिवासी अंचल तामिया का सावरवानी गांव इन दिनों दुनिया भर में चर्चाओं में है. बोर्ड की पहल पर विकसित किए गए होम स्टे दुनिया भर के पर्यटकों की पहली पसंद बन गये हैं. जिसके चलते इस गांव को विश्व स्तर के सम्मान से नवाजा गया था. सावरवानी को विश्व स्तर पर इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिस्पांसिबल टूरिज्म आईसीआरटी के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवॉर्ड्स 2023 में सितंबर में नई दिल्ली में बीएलटीएम ट्रेड शो के दौरान समारोह में सम्मानित किया गया था.

आदिवासी लोक कला संस्कृति की मिशाल है सावरवानी होम स्टे(Sawarwani Homestay is an example of tribal folk art culture)

पर्यटक यहां की लोक संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं और लोकल खान-पान आदिवासी संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर सावरवानी के आसपास के पहाड़ और जंगल विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. देसी तरीके से चूल्हे में पकाया गया खाना गांव की आदिवासी संस्कृति के तरीके से मेहमान का स्वागत और

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खास तौर पर आदिवासी गांव में होने वाला शैला डांस यहां की खासियत होती है. जो लोगों को काफी पसंद आता है. कई बार तो विदेशी सैलानी यहां पर मोटे अनाज से कोदो कुटकी से बने कई प्रकार की डिश और बालर की दाल के अलावा महुआ की कुकीज और खीर यहां की विशेष पहचान है.

बेहद खूबसूरत है प्राणपुर गांव(Pranpur village is very beautiful)

अशोकनगर जिले के चंदेरी से प्राणपुर की दूरी करीबन 4 किलोमीटर है. इस गांव की खासियत यह है कि इसे देश के पहले क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज के रूप में विकसित किया गया है. गांव में करीबन 550 हाथकरघा हैं. इसमें 900 बुनकर काम करते हैं. यहां चंदेरी की प्रसिद्ध चंदेरी कपड़ों की बुनाई होती है. इस गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम से सम्मानित किया गया है.

लाड़पुर खास(Ladpur Khas)

रामराजा सरकार की नगरी ओरछा से 8 किलोमीटर दूर लाडपुरा खास गांव हैं. ओरछा आने वाले कई विदेशी पर्यटक इस गांव में रूकने जरूर पहुंचते हैं. बुंदेलखंडी रीति रिवाजों के साथ होने वाले स्वागत और खासपान विदेशी पर्यटकों को खूब लुभाता है. यहां बनाए गए स्टे होम पर स्थानीय लोगों द्वारा दीवारों को पेंटिंग से सजाया गया है, जो इन स्टे होम को आकर्षक बनाते हैं.

देशभर से 900 गांवों में से 36 को चुना(36 villages were selected out of 900 villages across the country)

सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सांस्कृतिक व प्राकृतिक संपदा को संरक्षित रखते हुए समुदाय आधारित मूल्यों व जीवन शैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है. देशभर से कुल 900 गांव इसमें शामिल हुए थे. जिसमें से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के लिए 36 गांव को चुना गया है. इनमें एमपी के तीन गांव शामिल हैं. जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत ने बताया कि होम स्टे देश भरमे अपनी संस्कृति के लिए विशेष पहचान है. लगातार दुनिया भर में इनकी पहचान बन रही है. ये छिंदवाड़ा के लिए गौरव की बात है.

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