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बारिश में सोयाबीन की बुआई कर बने मालामाल देखे खास किस्मो की जानकारी

बारिश में सोयाबीन की बुआई कर बने मालामाल

बारिश में सोयाबीन की बुआई कर बने मालामाल देखे खास किस्मो की जानकारी आइये आज हम्म आपको बताते है किसानो को मालामाल कर देगी बरसात में बोई जाने वाली सोयाबीन की किस्मे तो बने रहिये अंत तक-

बारिश में सोयाबीन की बुआई कर बने मालामाल देखे खास किस्मो की जानकारी

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बुआई का सही समय

किसानों को सलाह दी गई है कि बारिश आने के बाद सोयाबीन की बुवाई का उपयुक्त समय मध्य जून से जुलाई के पहले सप्ताह तक होता है। नियमित मानसून के बाद खेतों में लगभग चार इंच बारिश होने के बाद किसानों को बुवाई करनी चाहिए। मानसून पूर्व बारिश के आधार पर बुवाई करने से सूखे का लंबा अंतराल पड़ने पर फसल को नुकसान हो सकता है। इसलिए, आइए जानते हैं कि किसानों को किन बातों का ध्यान रखना है।

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विभाग ने दी काम की जानकारी

कृषि विभाग और कृषि कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान अपने पास उपलब्ध बीजों के अंकुरण की जांच करें और बुवाई के लिए कम से कम 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाले बीज ही रखें। यदि किसान कहीं से उन्नत बीज लाते हैं, तो किसी विश्वसनीय संस्थान/संस्थान से बीज खरीदें। साथ ही, एक पुष्ट बिल लें और घर पर स्वयं भी अंकुरण का परीक्षण करें।

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किस्मे

किसानों को अपनी भूमि के हिसाब से कम से कम दो-तीन किस्मों की बुवाई करनी चाहिए। जेएस 95-60, जेएस 93-05, जेएस 20-34 जैसी किस्में, नई किस्में जैसे आरवीएसएस-2011-35, जेएस 2172, एनआरसी-138, एनआरसी-127, 142, 150, 152, जेएस 20-29 और आरवीएस-2001-04, एनआरसी-86, जेएस 9752 मुख्य हैं।

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कृषि विभाग ने किसानों को बुवाई से पहले बीज उपचार करने की सलाह दी है। बीज उपचार हमेशा एफआईआर क्रम में करना चाहिए। इसके लिए बीजों को जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 ग्राम/किग्रा बीज या फफूंदनाशक थीरम + कार्बोक्सिम आदि से उपचारित करें। जहां पिछले साल पीली मोज़ेक की समस्या थी, वहां खेत का उपचार पीली मोज़ेक रोग को रोकने के लिए अनुशंसित कीटनाशक थियामेथोक्साम 30 एफएस या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस से करें। इसके बाद, जैव उर्वरक का प्रयोग अवश्य करें।

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उन्नत किस्मे

किसानों को 75-80 किग्रा/हेक्टेयर की दर से उन्नत किस्मों के बीजों की बुवाई करनी चाहिए। एक हेक्टेयर में लगभग 4.50 लाख पौधे होने चाहिए। कतारों के बीच की दूरी कम से कम 14-18 इंच के आसपास रखें।पिछले साल अत्यधिक बारिश के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई थी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हो सके तो ऊठी क्यारी विधि से फसल की बुवाई करें।इस विधि से फसल की बुवाई करने से कम और ज्यादा दोनों तरह की बारिश की स्थिति में फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है।

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