Amla Navami 2025: आंवला नवमी आज, यहां जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Amla Navami 2025: कार्तिक शुक्ल नवमी, जिसे आंवला नवमी या अक्षय नवमी के नाम से जाना जाता है आज बड़े श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आंवला नवमी 31 अक्टूबर शुक्रवार को मनाई जा रही है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:37 बजे से 10:04 बजे तक रहेगा।
आंवला नवमी का महत्व शास्त्रों में अत्यंत प्राचीन माना गया है। पद्म पुराण में उल्लेख है कि इस दिन भगवान शिव के पुत्र, कार्तिकेय को बताया गया कि आंवले के वृक्ष में जगत के पालनहार श्री हरि का वास है। इसी कारण इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु सबसे पहले आंवले के वृक्ष के पास जाकर उसकी जड़ में शुद्ध जल और दूध अर्पित करते हैं। इसके बाद शाखाओं और तनों पर रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, पुष्प और फल अर्पित किए जाते हैं। विशेष रूप से आंवले के फल को पूजा में शामिल करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन वृक्ष की सात परिक्रमा करने से स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज श्रद्धालु घरों और मंदिरों में आंवले की पूजा, दीपदान, भजन-कीर्तन और दान करके इस पवित्र दिन का विशेष महत्व बढ़ा रहे हैं।
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Amla Navami 2025पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रही थीं। उन्होंने देखा कि संसार में लोगों के जीवन में सुख और समृद्धि का अभाव है। उन्होंने सोचा कि यदि वह एक साथ भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें तो भक्तों को अधिक पुण्य और आशीर्वाद मिलेगा। ध्यान और चिंतन के पश्चात माता लक्ष्मी को ज्ञात हुआ कि आंवले का वृक्ष तुलसी और बेल की पवित्रता का संगम स्थल है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और बेल भगवान शिव को। माता लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष की पूजा आरंभ की, जल अर्पित किया, दीप जलाया और दोनों देवताओं का ध्यान किया। इस भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव और विष्णु स्वयं प्रकट हुए और माता लक्ष्मी को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि जो कोई श्रद्धा और भक्ति के साथ आंवले की पूजा करेगा, उसके जीवन में दरिद्रता नहीं आएगी, उसका घर-परिवार हमेशा समृद्ध रहेगा और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।
आंवला नवमी 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
आंवला नवमी 2025 की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:37 बजे से 10:04 बजे तक है।
आंवला नवमी पूजा का महत्व क्या है?
उत्तर: आंवला नवमी पूजा से स्वास्थ्य, लंबी उम्र, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
आंवला नवमी 2025 में कौन-कौन सी विधियाँ अपनाई जाती हैं?
उत्तर: श्रद्धालु आंवले की जड़ में जल और दूध अर्पित, शाखाओं पर रोली, चंदन, अक्षत, दीप और पुष्प अर्पित करते हैं। वृक्ष की सात परिक्रमा करना और दान, भजन-कीर्तन करना विशेष शुभ माना जाता है।



