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Adani group: अदाणी ग्रुप को मिले नए प्रोजेक्ट, मज़बूत होकर उभरा अदाणी समूह

Adani group: पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट अदाणी समूह (Adani Group) को नुकसान पहुंचाने के लिए आई थी, लेकिन अनजाने में ही गौतम अदाणी और उनके समूह को फायदा पहुंचा गई. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के कारोबार को फ़ायदा ही हुआ है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर शेयर बाज़ार (Share Market) में हेरफ़ेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसे समूह ने साफ़ तौर पर खारिज किया था. यही नहीं, अदाणी समूह मज़बूत फंडामेंटल्स के चलते और मज़बूत होकर उभरा है.

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घटा है कर्ज़

 

इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह ने अपनी सभी कंपनियों के कर्ज़ कम करने पर फ़ोकस किया. यही नहीं, समूह को अमेरिका से मिडिल ईस्ट तक के मुल्कों में नए निवेशक मिले, बड़े प्रोजेक्ट्स हासिल हुए. समूह ने अपनी स्ट्रैटेजी में भी बड़ा सुधार किया. समूह ने अपने निवेशकों और कर्ज़दाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और उन्हें हर फैसले की विस्तृत जानकारी देने लगा. अदाणी समूह भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में नया एयरपोर्ट भी बना रहा है. इसके साथ ही वह मुंबई में धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है.

 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर अभी भी बना हुआ है. हालांकि अदाणी समूह के शेयरों में पिछले साल के निचले स्तर से 90 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹7479.82 अरब) से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब भी उनकी वैल्यूएशन हिंडनबर्ग विवाद के पहले के स्तर से करीब 60 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹4986.54 अरब) नीचे है. इस बीच समूह के ज़्यादातर डॉलर बॉन्ड्स के घाटे की रिकवरी हुई है.

 

विपक्षी पार्टियां गौतम अदाणी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नज़दीकी और उनकी ऑफ़शोर कंपनियों पर सवाल उठाती रही हैं. अदाणी समूह के पोर्ट्स बिज़नेस के ऑडिटरों ने पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद समूह की अकाउंटिंग पर सवाल उठे थे. अदाणी समूह के प्रतिनिधियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. समूह ने कहा कि उसने सभी नियमों का पालन किया और सभी अकाउंटिंग नियमों को फ़ॉलो किया. यही नहीं, गौतम अदाणी ने यह भी कहा कि उनकी कंपनियों को सरकार से कोई प्राथमिकता नहीं मिली

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अदाणी समूह को लेकर निवेशकों की अच्छी राय

इन सभी बातों के बावजूद बहुत-से निवेशकों का मानना है कि अदाणी समूह अब तेज़ी के रास्ते पर है. चेन्नई में स्थित एसेट मैनेजमेंट कंपनी रेडस्ट्रॉ बेरी LLP के मैनेजिंग डायरेक्टर चक्री लोकप्रिय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में विशेष जांच की अपील को ठुकरा दिया गया. इसके अलावा नए निवेशकों और अमेरिकी एजेंसी की फंडिंग ने संस्थागत और रिटेल निवेशकों – दोनों को भरोसा दिया.

 

लोकप्रिय ने कहा कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट एक तरह से अदाणी समूह के लिए अच्छी साबित हुई है. समूह की ज़्यादातर कामयाबी उसके बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर से आई है. इनमें पोर्ट टर्मिनल, पॉवर लाइन्स, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स, सोलर पार्क्स और सीमेंट प्लान्ट्स शामिल हैं. इसने अदाणी को भारत की ग्रोथ के केंद्र में डाल दिया है.

 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अदाणी समूह के शेयरों को नुकसान पहुंचाया है. इससे अरबों डॉलर की मार्केट वैल्यू साफ़ हो गई. अदाणी और उनके समूह ने 2.15 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹178.68 अरब) का कर्ज़ चुकाया और गिरवी रखे अपने शेयर छुड़ाए. समूह को राजीव जैन की GQG पार्टनर्स से निवेश मिला है. समूह को कुल मिलाकर करीब 5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹415.55 अरब) का निवेश मिला.

 

बढ़ी मार्केट वैल्यू

अदाणी की 10 लिस्टेड कंपनियों की संयुक्त मार्केट वैल्यू अब करीब 175 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹14544.09 अरब) पर पहुंच गई है. यह शॉर्ट सेलर रिपोर्ट के बाद पिछले साल फरवरी में 82 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹6814.94 अरब) के रिकॉर्ड निचले स्तर से करीब 112 फ़ीसदी ज़्यादा है. इनमें से पांच कंपनियों के घाटे की भरपाई हो गई है. शेयरों में हाल ही की तेज़ी की वजह सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला है. इसके अलावा, श्रीलंका में समूह के पोर्ट बिज़नेस में 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹4595.93 करोड़) का निवेश भी आया है.

 

मुंबई में चूड़ीवाला सिक्योरिटीज़ प्राइवेट के मैनेजिंग डायरेक्टर आलोक चूड़ीवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद जो निवेशक अच्छी कीमतों पर अदाणी शेयरों में पैसा नहीं लगा रहे थे, उन्होंने अब लगाया.

 

समूह का नेट डेट सितंबर तक 3.5 फ़ीसदी गिरकर 21.72 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1805.13 अरब) पर पहुंच गया था. उसका नेट डेट टू Ebitda रेश्यो सितंबर में घटकर 2.5 पर पहुंच गया है, जो मार्च में 3.3 था.

 

 

समूह में बढ़ा निवेश

गौतम अदाणी 1980 के दशक में मुंबई में एक डायमंड ट्रेडर बनकर आए थे. वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संकट से इसलिए निकल पाए, क्योंकि वह भारत में कुछ सबसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग के डेटा में दिखा कि अदाणी समूह भारत में करीब आधे शिपिंग कन्टेनर्स का संचालन करता है.

 

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अदाणी एंटरप्राइज़ेज़ लिमिटेड ने 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹207.77 अरब) की शेयर सेल को रोक दिया था. यह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का बड़ा नुकसान था, लेकिन समूह को नए निवेशकों से फ़ायदा हुआ है.

 

Adani group :अदाणी समूह को लेकर GQG के जैन बहुत बुलिश हैं. वे अदाणी समूह में सबसे बड़े निवेशकों में से एक बनना चाहते हैं. पिछले निवेशकों कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, टोटल एनर्जीज़ SE और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में निवेश को बढ़ाया है.

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