Poultry Farming :इस नस्ल की मुर्गी को पालकर बेचे 100 रु में एक अंडा , जाने क्या है पलने का तरीका

इस नस्ल की मुर्गी को पालकर बेचे 100 रु में में एक अंडा , जाने क्या है पलने का तरीका , आपकी जानकरी के लिए बता दे की वर्तमान समय में इस नस्ल की मुर्गी को पालकर बेचे 100 रु में बेचे इसका अंडा ,अब बहुत लोग यह कहेगे की आखिर इस मुर्गे की नसल का उत्पादन कैसे किया जाए और किस प्रकार से उसे पला जाए तो आपको बता दे की यह भारत की एक देशी मुर्गी की नस्ल है जो अपनी लड़ाकू प्रवृत्ति और शानदार शारीरिक बनावट के लिए जानी जाती है। यह नस्ल सदियों से भारत में मौजूद है और इसे “मुर्गों का राजा” भी कहा जाता है। और जानकारी के लिए खबर के अंत तक बने रहे
कैसे करे इस मुर्गे की पहचान
अब बात करते है की अगर आप बाजार में या कही और इस मुर्गे को खरीदने के लिए जाते है को आपको इसकी पहचान करनी आपको बता दे की इसकी आक्रामकता और लड़ने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। अशील मुर्गे मजबूत और सुडौल होते हैं। इनकी चौड़ी छाती, मजबूत टांगे, घुंघराले पंख और लंबी पूंछ होती है। अशील मुर्गे विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं, जिनमें सफेद, काला, लाल, भूरा, और धब्बेदार रंग शामिल हैं। आकार: अशील मुर्गे मध्यम आकार के होते हैं। मुर्गे का वजन 4-5 किलोग्राम और मुर्गी का वजन 3-4 किलोग्राम होता है। अशील मुर्गी साल में 80-100 अंडे देती है। और सबसे बढ़िया पहचान की बात करे तो इस मुर्गे की पहचान इसके भूरे रंग के अंडे से कर सकते है।
poultry Farming : इस नस्ल की मुर्गी को पालकर बेचे 100 रु में में एक अंडा , जाने क्या है पलने का तरीका
इस तरीके से ले अच्छी पैदावार
अगर आप भी इस तरह का कुछ व्यवसाय करने की योजना बना रहे है तो आपको बता दे की मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त ज़मीन का चयन किया जाना चाहिए जहां पर ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अंडे विकसित हो सकें। शैल्टर सड़क से कुछ ऊंचाई पर होना चाहिए ताकि बारिश का पानी आसानी से बाहर निकल जाये और इससे उनका बाढ़ से भी बचाव होगा। शैल्टर में ताजे पानी का प्रबंध भी होना चाहिए। 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए। इस प्रकार आप अच्छे से मुर्गी से अच्छी पैदावार ले सकते हो।
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कैसे पाले अशील नस्ल मुर्गी को
अशील नस्ल मुर्गी के पालन के बारे में बात करे तो अशील मुर्गों को खुली जगह की आवश्यकता होती है। अशील मुर्गों को अनाज, सब्जियां, फल, और कीड़े खिलाए जा सकते हैं। उन्हें पानी की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता होनी चाहिए। इसका पालन बेहद आसान है.
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आहार में क्या दे इस नस्ल के मुर्गी को
अब बात करे इस मुर्गेी की पालन पोषण की तो इसके 0-10 सप्ताह के मुर्गी के बच्चों के आहार में 10-20 प्रतिशत प्रोटीन होना जरूरी है। मीट पक्षियों जैसे तीतर, बटेर और टर्की के लिए 22-24 प्रतिशत प्रोटीन आवश्यक होता है। मुर्गी के बच्चों के पहले पानी में 1/4 कप चीनी और 1 चम्मच टैरामाइसिन/ गैलोन शामिल होना चाहिए और दूसरे पानी में 1 चम्मच टैरामाइसिन शामिल होना चाहिए और फिर उसके बाद सामान्य पानी दिया जाना चाहिए। प्रत्येक चार बच्चों को एक चौथाई पानी दें। पानी ताजा और साफ होना चाहिए।
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