टेक्नोलोजी

PhonePe और Google Pay को बड़ी राहत

 NPCI:नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया  ने फोनपे  और गूगलपे जैसे यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ऐप्स को बड़ी राहत दी है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया  ने UPI ऐप्स के लिए 30 फीसदी मार्केट शेयर नियम का पालन करने की समय सीमा दो साल बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2024 कर दी है. दरअसल सरकार ने UPI मार्केट में कुछ बड़े कंपनियों के दबदबे को रोकने के लिए अधिकतम 30% मार्केट शेयर का नियम लाया था. इसके तहत UPI सर्विस देने वाली एक कंपनी के पास 30% से अधिक मार्केट शेयर नहीं हो सकता है. भारतीय बाजार में गूगल पे और फोनपे की यूपीआई बेस्ड ट्रांजैक्शन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है.

NPCI ने UPI ऐप्स को इस नियम का पालन करने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया था. हालांकि अब समय-सीमा दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है. फिलहाल देश में करीब 96% UPI ट्रांजैक्शन सिर्फ तीन ऐप्स से होते हैं. इनमें फोनपे , गूगल पे  और पेटीएम  शामिल हैं. इसमें से भी करीब 80% UPI ट्रांजैक्शन सिर्फ दो ऐप- PhonePe और Google Pay से होते हैं.

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NPCI ने एक बयान में कहा कि UPI के वर्तमान में इस्तेमाल, भविष्य में इसकी ग्रोथ की संभावनाएं और दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हमने थर्ड-पार्टी पेमेंट ऐप (TAPA) के लिए मार्केट वॉल्यूम कैप का पालन करने की समय सीमा 2 साल यानी 31 दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा दी है. UPI ऐप से जुड़े सबसे ताजा आंकड़ों के मुकाबिक, अक्टूबर में करीब 47% यूपीआई ट्रांजैक्शन PhonePe से हुए थे. वहीं Google Pay से करीब 34 फीसदी यूपीआई ट्रांजैक्शन देखे गए थे, जबकि Paytm की हिस्सेदारी 15% थी.

 NPCI:नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर में कहा कि यूपीआई के मौजूदा उपयोग और भविष्य की संभावनाओं तथा बाकी के संबंधित कारकों को देखते हुए ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी के लिए अनुपालन समयसीमा 2 साल यानी 31 दिसंबर, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बताते चलें कि भारत में UPI के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की संख्या और इसकी वैल्यू में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अक्टूबर, 2022 में हुए कुल UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 730 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई थी, जिसकी कुल वैल्यू 12.11 लाख करोड़ रुपये थी.

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