रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

पुलिसिंग को हाईटेक कर निःस्वार्थ जनसेवा का जज्बा रखते हैं I P S प्रभात कुमार

Raigarh News रायगढ़, 24 अप्रैल। हौसले बुलंद हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं। पॉजीटिव थिंकिंग के साथ हर समय नया कर गुजरने का जज्बा रखते हुए युवा यदि ईमानदारी से अपने लक्ष्य को फोकस रख पूरी शिद्दत से मेहनत करें तो कामयाबी कदम जरूर चूमती है। यह कहना है-आईपीएस प्रभात कुमार का, जो पुलिसिंग को हाईटेक कर निःस्वार्थ जनसेवा को तरजीह देते हुए रायगढ़ के कोतरा रोड थाने की कमान सम्हाल रहे हैं।

कुछ नया कर गुजरने का जज्बा रखते हैं IPS प्रभात कुमार

बिहार प्रान्त के आरा निवासी ट्रांसपोर्ट कर्मचारी विनोद प्रसाद मेहता और श्रीमती किरण देवी के दो बेटों में बड़े हैं प्रभात कुमार। विगत 14 मार्च 1987 को जन्म लेने वाले प्रभात की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा जमशेदपुर में हुई। गणित विषय लेकर बारहवीं की पढ़ाई के बाद 2006 से 11 तक आईआईटी खड़गपुर में पोस्ट ग्रेजुएट हुए। जायका सेन्फोटेक कंपनी से सफर शुरू करने वाले प्रभात 2011-12 में कैम्पस सलेक्शन में प्रोजेक्ट मैनेजर (मुंबई) भी बने। फिर, कॉम्पटीशन एक्जाम की तैयारी के लिए 2013 में नौकरी छोड़कर दिल्ली गए। 2014 में एफआईसीओ कंपनी ज्वॉइन कर बंगलुरू में भी रहे। इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय (केंद्रीय सरकार) के नक्सल प्रभावित जिले नवादा में डीएम के साथ काम करने का मौका मिलने पर 2014 में ज्वॉइन किए। यही नहीं, 2013 में यूपीएससी एक्जाम में अपनी तकदीर आजमाने वाले प्रभात 2015 में आरपीएफ में कमांडेंट भी बने। दो साल तक नागपुर में सेवा के दौरान रेवेन्यू सर्विस परीक्षा में सफलता हाथ लगी तो आरपीएफ से रिजाइन दे दिए। वहीं, ओला आउट स्टेशन साल भर कैटेगिरी मैनेजर के तौर पर भी अनुभव लिया। तत्पश्चात, पुलिस विभाग में कदम रखने वाले प्रभात हैदराबाद में कड़ी ट्रेनिंग के बाद बीते 4 अप्रैल से शहर के कोतरा रोड थाने का प्रभार देख रहे हैं।

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थाने को अत्याधुनिक तरीके से करते हैं हैंडल

आईपीएस प्रभात कुमार की सबसे बड़ी खासियत है कि वे कोतरा रोड थाना प्रभारी का चार्ज लिए चन्द रोज ही हुआ है, मगर ये विभागीय कामकाज को हाईटेक तरीके से हैंडल करते हैं। मसलन, हफ्तेभर पुलिस कर्मचारियों का शेड्यूल बकायदा सूचना पटल पर दर्ज होता है। थाने में कितने स्टाफ हैं। कौन फील्ड में है तो थाने में किसकी ड्यूटी है। अवकाश पर कौन गया है, वगैरह विभागीय जानकारियों को प्रभात अपने लैपटॉप में सूचीबद्ध कर चेम्बर से ही पेंडिंग फाइलों का अपडेट देखते हुए जल्द निराकरण की कोशिश करते हैं। रोजाना थाने में ही एक एएसआई और हेड कॉन्स्टेबल की बैठक लेते हुए हफ्ते में 3 दिन सायबर सेल भी जाते हैं।

घूमने और किताबें पढ़ने का रखते हैं शौक

ट्रेनी आईपीएस प्रभात कुमार वैसे तो समय के पाबंद और अनुशासन प्रिय है, पर घूमना और किताबें पढ़ना इनकी हॉबी है। लेखक श्रीलाल शुक्ल और क्रिस कॉर्नर की बुक्स के ये शौकीन हैं। थिंकिंग फास्ट एंड स्लो तथा राग दरबारी इनकी पसंदीदा पुस्तक है। घर का बना खीर इनका फेवरेट डिश है तो चरित्र अभिनेता पंकज त्रिपाठी व आलिया भट्ट का अभिनय इनको खूब भाता है। बिना विचार और एनर्जी वाले लोगों को नापसन्द करने वाले प्रभात की जिंदगी का सर्वाधिक सुखद लम्हा लव मैरिज करना है।

2 महीने पहले ही शिवानी के साथ लिए सात फेरे

खाकी वर्दी की आन-बान और शान रखने वाले प्रभात कुमार ने बीते 18 फरवरी 2022 को ही शिवानी मिश्रा के संग अग्नि को साक्षी मानते हुए परिणय सूत्र में आबद्ध होकर नव दाम्पत्य जीवन मे प्रवेश किया है। हारवर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट शिवानी यूएस में सेवारत हैं। वे टोटल इंपैक्ट कैपिटल में वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं।

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बीट वाइज देहात जाकर जायजा लेते हैं जवान

युवा आईपीएस प्रभात कुमार अपनी दिनचर्या को बेहद व्यस्त रखने की कोशिशें करते हैं। आम जनता और पुलिस के बीच मधुर संबंध बनाने के लिए पुलिस कप्तान अभिषेक मीणा के निर्देश पर ये अपने थाना क्षेत्र के देहात इलाकों में भी बीट वाइज जवानों को भेजते हैं, ताकि पब्लिक से रूबरू होकर पता किया जा सके कि वहां में हालात क्या है और पुलिस वहां किस तरह बेहतर कार्यशैली से जनसमस्या का निवारण कर सकती है।

प्रदूषण की मार से कराह रहे रायगढ़ की बदलनी चाहिए तस्वीर

दो महीने के कार्यकाल में ही प्रभात समझ गए कि कला और संस्कारधानी नगरी से औद्योगिक नगरी के रूप में तब्दील रायगढ़ प्रदूषण की मार से कराह रही है। ऐसे में उम्दा कलाकारों और कोसा के लिए मशहूर रायगढ़ को जमशेदपुर की तरह क्लीन सिटी के रूप में व्यवस्थित करने की जरूरत है। यहां की मीठी भाषा और सीधे साधे लोगों को सुघ्घर रईगढ़ के सपने को साकार करने महती जिम्मेदारी निभाने की ईमानदार कोशिश होनी चाहिए।

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छोटे अपराध रुके तो नहीं होंगे संगीन गुनाह

पुलिस अफसर के नजरिये से प्रभात का मानना है कि अगर छोटे अपराधों को समय रहते रोका जाए तो बड़े गुनाह नहीं हो पाते। रायगढ़ में क्राईम के बढ़ते ग्राफ पर चिंता जाहिर करने वाले प्रभात भी मानते हैं कि यहां औद्योगिकरण की तरह शिक्षा का भी विकास हो तो अपराधों का आंकड़ा निश्चित रूप से कम होगा। इसके लिए युवा वर्ग को भी शॉर्टकट का रास्ता छोड़कर अपने रोल मॉडल की तरह कड़ी मेहनत कर लक्ष्य बनाना पड़ेगा। अंत में प्रभात ने कहा कि अगर वे पुलिस अफसर नहीं बनते तो प्रायवेट सेक्टर में सेवारत होते।

पीएम मोदी से हो चुके हैं सम्मानित

Raigarh News यूथ आईपीएस प्रभात कुमार जब ट्रेनिंग पीरियड में थे तो फाऊंडेशन कोर्स डामेट्रिक्स बनाने के सुखद परिणिति स्वरूप मसूरी में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सम्मानित कर उनका हौसला अफजाई कर चुके हैं। यही वजह है कि ऊर्जा से लबरेज प्रभात हरेक चुनौतियों को कड़ी परीक्षा मानते हुए उसे पार कर कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने के लिए कटिबद्ध हैं।

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