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*✍️नौकरी-पेशा लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर….जाने किसे मिलेगा लाभ….*

देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े नौकरी-पेशा लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर है. कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र की मोदी सरकार अगले साल 31 मार्च 2022 तक उनकी सैलरी से कटने वाले पीएफ के पैसों का भुगतान करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआवाई योजना) के तहत इसकी डेडलाइन को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया है.कितना जमा होता है पैसा?

बता दें कि देश में कोरोना की पहली लहर के दौरान केंद्र सरकार ने संकट के दौर में ईपीएफ के लाखों सदस्यों को राहत प्रदान करने के लिए अक्टूबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारियों की सैलरी से कटने वाले पीएफ के पैसों को खुद ही जमा कराने का फैसला किया था. सरकार की इस योजना के तहत सरकार ईपीएफ अंशदान के तौर पर कर्मचारियों की सैलरी से कटने वाली 12 फीसदी रकम और नियोक्ता के हिस्से की 12 फीसदी यानी कुल मिलाकर 24 फीसदी रकम को सरकार जमा कराती है. इसी योजना को सरकार ने मार्च 2022 तब आगे बढ़ा दिया है, जिसकी डेडलाइन 30 जून को समाप्त हो रही थी.

किसे मिलेगा लाभ?

कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र सरकार ने नए रोजगार सृजन करने वाली कंपनियों, नौकरी खोने वाले और कम वेतन पाने वालों को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया है.

सरकार की इस योजना के तहत नई नियुक्ति पर 2 साल तक सरकार की ओर से पीएफ खाते में अंशदान जमा कराया जाएगा.

इसके अलावा, कोरोना की पहली लहर के दौरान देश में लागू संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान निष्कासित कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर बहाल किया जाता है, तो ऐसे मामले में भी कर्मचारी और नियोक्ता को सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा.

सरकार की इस योजना का लाभ वैसे कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी नौकरी 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच चली गई हो.

इसके साथ ही, सरकार की इस योजना का लाभ वैसे कर्मचारियों को मिलेगा, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम हो और वे अक्टूबर 2020 के पहले ऐसे संस्थान में कार्यरत थे, जहां पर पीएफ अंशदान की कटौती नहीं होती थी.

 

 

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