ISRO LVM3 M6 : ISRO ने ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट लॉन्च, जानें क्यों खास है ये मिशन?

ISRO LVM3 M6 Bluebird Mission: नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। ISRO ने दुनिया को अपनी ताकत और भरोसे का एहसास करवा दिया है। ISRO ने बुधवार सुबह इतिहास रचते हुए अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 से अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल की ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह मिशन न सिर्फ तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक विश्वसनीय वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करता है।
ISRO LVM3 M6 Bluebird Missionये मिशन है न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और AST स्पेसमोबाइल के बीच हुए समझौते के तहत किया जा रहा है। इस मिशन से लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में दुनिया का सबसे बड़ा कॉमर्शियल संचार सैटेलाइट तैनात होगा, जो सामान्य स्मार्टफोन को सीधे स्पेस से हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करेगा।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ की खासियत
आज का यह मिशन ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनएसआईएल) और अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है। यह मिशन अगली पीढ़ी का ऐसा कम्यूनिकेशन सैटेलाइट स्थापित करेगा, जिसे स्मार्टफोन को उच्च गति वाली सेल्ल्यूलर ब्रॉडबैंड सेवा देने के लिए डिजाइन किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य सैटेलाइट के जरिए सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराया है। यह नेटवर्क दुनिया में कहीं भी कभी भी सभी के लिए 4 जी और 5 जी वॉयस-वीडियो कॉल, मैसेज, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
पहले मिशन की सफलता के लिए इसरो प्रमुख वी.नारायणन ने 22 दिसंबर को तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इसरो के मुताबिक 43.5 मीटर ऊंचा एमवीएम3 तीन चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है। इसे इसरो के ‘लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर’ ने विकसित किया है। प्रक्षेपण के लिए आवश्यक अत्यधिक ‘थ्रस्ट’ प्रदान करने के लिए इस प्रक्षेपण यान में दो एस200 ठोस रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम ने विकसित किया है।
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ISRO LVM3 M6 Bluebird Missionयेएएसटी स्पेसमोबाइल ने सितंबर 2024 में ब्लूबर्ड-1 से 5 तक पांच उपग्रह प्रक्षेपित किए थे, जो अमेरिका और कुछ अन्य देशों में निरंतर इंटरनेट कवरेज प्रदान कर रहे हैं। कंपनी ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ऐसे और उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है और दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है



