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Supreme Court: SIR पर सुप्रीम कोर्ट नें राज्यों को दिए अहम निर्देश, इस खबर में पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Supreme Court:चुनाव आयोग ने बिहार के बाद पूरे देश में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का नि ि िया इस साल के अंत क पूर है, इसके लिए आयोग ने तेजी से का शुरू कर द है। हालांकि, इस दब े क ों बीएलओ क की भी आई हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने एसआईआर करकि के लिए समय बढ़ा , लेकिन विपक्ष ने सरकार ं। अब मामले में सुप्रीम कोर्ट िि हो चुक है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर सुनवाई करते हुए म टिप्पणी की।

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सीजेआई सूर्यकांत ने यह कहा कि एसआईआर प्रक्रिया एक वैध प्रक्रिया है और इसे संपन्न किया जाना चाहिए।

 कोर्ट ने राज्यों को कड़ी निर्देश दिए 

BLO पर दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती करें। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि अगर कोई BLO व्यक्तिगत कारणों से SIR करने में सक्षम नहीं है तो उचित कारणों की स्थिति में उन्हें राहत देने पर विचार किया जाए। उनकी जगह किसी दूसरे को काम पर लगाया जाए।

SIR मामले सुनवाई के दौरान BLOs के आत्महत्या क मामल सुप्रीम कोर्ट क ान िया गया। सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण ने बताया कि हमारे पास 35 से 40 BLOs की जानकारी है जिन्होंने आत्महत्या की। ये ी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक आदि हैं। रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत SIR कर्मियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस भेज जा रह , जिसमें है कि यदि वे िि समय सीमा का पालन नहीं कर, तो उन्हें 2 साल की हो सकती है। यूपी में BLOs के खिलाफ 50 ि दर्ज की गई हैं।

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 वरिष्ठ वकील ‘कपिल सिब्बल’ ने कोर्ट में क्या?कहा

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उन्होंने इस मामले पर कहा कि BLOs पर दबाव सच में एक चिंताजनक विषय है। इतनी जल्दी क्यों? SIR के लिए भरपूर समय दिया जाना चाहिए। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल पूछा कि राज्य सरकारें क्यों नहीं आ रहीं? यदि राज्य सरकारें कोई परेशानी में हैं तो वे यहां आकर स्पष्ट क्यों नहीं कर रहीं?

 

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