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NPS to UPS Switch: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर! NPS से UPS में स्विच करने के लिए बचे हैं सिर्फ इतने दिन, जानें लास्ट डेट

NPS to UPS Switch: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर पेंशन को लेकर बड़ी हलचल है। जिन कर्मियों ने अब तक अपने लिए यह तय नहीं किया कि वे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में रहेंगे या फिर नए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में जाना चाहेंगे, उनके पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि NPS से UPS में स्विच करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। ऐसे में वित्त मंत्रालय ने सभी पात्र कर्मचारियों और रिटायर्ड लोगों से जल्दी से जल्दी अपना आवेदन जमा करने की अपील भी की है।

 

 

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?

जनवरी 2025 में अधिसूचित और 1 अप्रैल 2025 से लागू UPS, NPS का ही एक नया विकल्प है जो कर्मचारियों को ज्यादा स्थिर और अनुमानित पेंशन देने का वादा करता है। यह एक कॉन्ट्रिब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारी अपने बेसिक पे + डीए का 10% योगदान देंगे, जबकि केंद्र सरकार 18.5% देगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत है, महंगाई से जुड़ी गारंटीड पेंशन, जो NPS से अलग और ज्यादा सुरक्षित मानी जा रही है।

 

UPS के लिए कैसे जमा करें अपना आवेदन?

UPS में शामिल होना काफी आसान है। कर्मचारी चाहें तो ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं, जो एनपीएस के CRA पोर्टल पर उपलब्ध है। इसके अलावा, वे चाहें तो अपने नोडल ऑफिस में फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा करके भी आवेदन कर सकते हैं। मंत्रालय ने सभी नोडल ऑफिसों को साफ निर्देश दिए हैं कि आवेदन समय पर प्रोसेस किए जाएं।

 

UPS के लिए आवेदन करने का ऑनलाइन प्रोसेस:

सबसे पहले Protean की वेबसाइट पर जाएं।

 

यहां आपको ‘Unified Pension Scheme’ का ऑप्शन दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें।

 

अगर आप पहले से NPS में हैं तो ‘Migrate from NPS to UPS’ वाला विकल्प चुनें।

 

 

क्या है UPS और NPS का कनेक्शन?

UPS पूरी तरह NPS के ढांचे में ही चलता है और इसे PFRDA ही रेग्युलेट करता है। UPS चुनने पर कर्मचारी को अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलता है लेकिन शर्त ये है कि कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो। इसके साथ स्पाउस पेंशन और ग्रेच्युटी भी शामिल हैं।

 

 

क्या है UPS चुनने के फायदे?

UPS चुनने के बाद भी कर्मचारी चाहें तो भविष्य में NPS में लौट सकते हैं। जो कर्मचारी UPS चुनते हैं, उन्हें ज्यादा टैक्स लाभ, त्यागपत्र व अनिवार्य सेवानिवृत्ति की बेहतर सुविधा, और महंगाई से जुड़ी सुरक्षित पेंशन मिलती है। सरकार का मकसद भी यही है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक स्थिर आय मिले, जिससे उन्हें भविष्य की चिंता ना रहे।

 

अब जब आखिरी तारीख बिल्कुल सामने है, कर्मचारियों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अपनी जरूरतों और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए सही विकल्प चुनें।

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