Air Pollution: Air Pollution ब्रेन के लिए गंभीर खतरा, जानें खराब AQI से ब्रेन को क्या पड़ेगा असर?

Air Pollution दिल्ली में सांस लेना मुशकिल हो गया है। वायु प्रदूषण हर रोज खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है। वहीं अक्सर हम वायु प्रदूषण को फेफड़ों और दिल से जुड़ी बीमारियों से जोड़ते हैं, लेकिन सच इससे कहीं ज्यादा है। प्रदूषण का असर दिमाग पर भी जबरदस्त तरीके से पड़ता है। गुरुग्राम में स्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल्स, में हेड कंसल्टेंट, मेंटल हेल्थ और बिहेवियरल साइंस, डॉ. राहुल चंडोक, बता रहे हैं कि हमारे दिमाग पर वायु प्रदूषण का कैसा असर पड़ता है?
प्रदूषण दिमाग को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
प्रदूषण दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं, कि हम हर पल सांस लेते हैं, तो हवा में मौजूद सूक्ष्म कण 2।5 और 10 पीएम नाइट्रोजन ऑक्साइड और भारी धातुएं हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं। ये कण इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों से ट्रैवल करके रक्तप्रवाह और मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं।यहीं से धीरे-दीरे दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं।
दिमाग पर वायु प्रदूषण का असर
याददाशत कमजोर होना: जब व्यक्ति लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहता है, तो याददाशत कमजोर होने लगती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घटती जाती है।वहीं इससे छोटे बच्चों में सीखने और सोंचने की क्षमता पर असर पड़ता है।
अल्जाइमर, डिमेंशिया और पार्किंसन: हवा में मौजूद जहरीले तत्व मस्तिष्क में सूजन पैदा करते हैं। यह सूजन धीरे-धीरे न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे अल्जाइमर, डिमेंशिया और पार्किंसन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
चिंता और डिप्रेशन: प्रदूषित वातावरण में रहने से व्यक्ति चिंता और डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। नींद में भी दिक्कत आती है। वहीं मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी और रसायनिक असंतुलन इसका कारण होते हैं।
ब्लड-ब्रेन बैरियर का कमजोर पड़ना: प्रदूषकों के लगातार संपर्क में रहने से ब्लड-ब्रेन बैरियर की सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। यह एक सुरक्षात्मक परत होती है जो हानिकारक पदार्थों को मस्तिष्क में प्रवेश करने से रोकती है। जब यह परत टूटने लगती है, तो विषैले कण और सूजन पैदा करने वाले तत्व केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश करने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप ये पदार्थ न्यूरोट्रांसमीटर (मस्तिष्क में संदेश पहुंचाने वाले रसायन) के कार्य में बाधा डालते हैं और मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
Air Pollutionब्रेन फॉग: ब्रेन फॉग की शिकायत होती है। स्पष्ट रूप से सोचने या निर्णय लेने में दिक्कत होती है। व्यक्ति थकान, उलझन और मानसिक धुंध महसूस करता है, भले ही शारीरिक रूप से स्वस्थ दिखे।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। Rgh किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।



