Tax saving tips: टैक्स बचाने का आखिरी मौका, दिसंबर से पहले धारा 80C, 80D और 80G के तहत करें ये निवेश का प्लान

Tax saving tips वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स प्लानिंग का समय आ चुका है, और अगर आप वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले आखिरी मिनट की हड़बड़ी से बचना चाहते हैं, तो दिसंबर का महीना आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। प्रभावी टैक्स बचत के लिए यह सही समय है जब आप अपनी निवेश रणनीतियों को अंतिम रूप दें। आयकर अधिनियम की धारा 80C, 80D और 80G के तहत अधिकतम लाभ उठाने के लिए अभी से एक्शन जरूरी है। इन धाराओं में निवेश करके आप न केवल अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं, बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते हैं। आइए जानते हैं वे कौन से खास निवेश विकल्प हैं जिन्हें आपको दिसंबर खत्म होने से पहले ही अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेना चाहिए।
धारा 80C के तहत टैक्स सेविंग के साधन
जीवन बीमा
टैक्सपेयर द्वारा चुकाए गए लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर आयकर कानून के तहत टैक्स छूट मिलती है। इंश्योरेंस में टर्म प्लान, सेविंग्स इंश्योरेंस सॉल्यूशन, वेल्थ सॉल्यूशन, रिटायरमेंट प्लान और कॉम्बिनेशन सॉल्यूशन जैसी योजनाएं उपलब्ध हैं। tataaia के मुताबिक, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और कोटेशन प्लान के फीचर्स और राइडर्स के आधार पर बदल सकते हैं। इसलिए आप अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार प्लान को कस्टमाइज करके टैक्स बचत कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना
10 साल तक की उम्र की बेटियों के लिए शुरू की गई यह लोकप्रिय सरकारी बचत योजना है। इसमें निवेश की गई राशि पर धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है। आप इसमें निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
ELSS में निवेश भी है विकल्प
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम एक म्यूचुअल फंड स्कीम है जो इक्विटी मार्केट से जुड़ा रिटर्न देती है। यह धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा भी देती है, लेकिन इसमें तीन साल की लॉक-इन अवधि अनिवार्य होती है।
अन्य लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प
इनमें किया गया निवेश भी ₹1.5 लाख की अधिकतम सीमा तक टैक्स डिडक्शन के लिए योग्य है, जैसे- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी), वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम यानी एससीएसएस। इसके अलावा, 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि वाली एफडी में निवेश कर सकते हैं।
रियल एस्टेट संबंधी टैक्स लाभ
होम लोन की मासिक किस्त में चुकाया जाने वाला मूलधन भी धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन के लिए योग्य है। यह लाभ घर का निर्माण पूरा होने या खरीदने के बाद लागू होता है। साथ ही अगर आप मकान बनाते हैं या संपत्ति खरीदते हैं, तो स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन पर खर्च की गई राशि को भी पूर्ण स्वामित्व मिलने के बाद आप अपनी सकल आय से घटाकर टैक्स लाभ ले सकते हैं।
धारा 80D के तहत टैक्स सेविंग विकल्प
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना
आयकर की धारा धारा 80D के तहत टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना एक जरूरी चीज है। इसलिए, सेक्शन 80D उन टैक्सपेयर्स को टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा देता है जिन्होंने इस दिशा में कोशिश की है। कोई भी व्यक्ति या HUF किसी भी साल के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भरने पर अपनी ग्रॉस इनकम से डिडक्शन क्लेम कर सकता है। इस सेक्शन के तहत कोई भी व्यक्ति एक फाइनेंशियल ईयर में ₹25,000 तक का फायदा उठा सकता है। और, सीनियर सिटिज़न के लिए यह लिमिट ₹50,000 है।
धारा 80G के तहत टैक्स छूट का प्रावधान
Tax saving tipsभारत सरकार समाज कल्याण के लिए तय कुछ फंड्स में योगदान देने वाले करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, उन्हें धारा 80G के तहत टैक्स बचत का लाभ प्रदान करती है। यह छूट व्यक्तियों, कंपनियों और फर्मों सभी पर लागू है। कुछ दान पर 100% टैक्स छूट मिलती है और इसके लिए किसी क्वालिफाइंग लिमिट की आवश्यकता नहीं होती। जैसे- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, राष्ट्रीय रक्षा कोष, राज्य सरकार द्वारा स्थापित गरीबों के लिए चिकित्सा सहायता कोष आदि। कुछ दान पर 50% टैक्स कटौती मिलती है, जैसे- प्रधानमंत्री सूखा राहत कोष, जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड आदि।
(Disclaimer: यह न्यूज सिर्फ जानकारी के लिए है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।



