रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Raigarh News: छठ पर्व का अपमान : टिल्लू शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

पुलिस तैयार कर रही मददगारों की सूची

Raigarh News:  रायगढ़। छठ पर्व के अपमानजनक मजाक को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में शहर में भारी जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है। इसी प्रकरण में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रस्तुत की गई चंद्रकांत शर्मा उर्फ टिल्लू शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार ठाकुर ने खारिज कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी करते हुए टिल्लू शर्मा के जमानत का विरोध किया है. न्यायालय ने कहा है कि केस डायरी के अनुसार आवेदक की टिप्पणी से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, सामुदायिक तनाव बढ़ा है, सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका बनी है और उसके विरुद्ध पंजीबद्ध अपराध प्रथम दृष्टया गंभीर स्वरूप का है। छठ पूजा समिति खर्राघाट के अध्यक्ष धनविजय सिंह की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली ने अपराध क्रमांक 570/2025 धारा 196 और 299 भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार छठ महापर्व के समापन के बाद टिल्लू शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी को समाज के लोगों ने अत्यंत अपमानजनक, असंवेदनशील और साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाली हरकत माना। न्यायालय में यह तथ्य भी सामने आया कि घटना के बाद से आवेदक फरार था, जिससे उसके विरुद्ध शंका और प्रबल हुई। अभियोजन के विरोध तथा केस डायरी के निष्कर्षों को देखते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत देना उचित नहीं है। अदालत का यह आदेश सामने आने के बाद शहर के सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने इसे उचित कदम बताते हुए कहा है कि इससे समाज में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है और धार्मिक भावनाओं का अपमान करने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यह एक सख्त संदेश है। अनेक संगठनों का कहना है कि सोशल मीडिया पर बढ़ती गैरजिम्मेदार टिप्पणियां सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचा रही हैं, ऐसे में न्यायालय का यह निर्णय समाज में जिम्मेदारी और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। शहर में छठ पर्व से जुड़े समुदायों ने भी इस कार्रवाई का स्वागत किया है और कहा है कि अब आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी अत्यंत आवश्यक है ताकि व्याप्त तनाव पूरी तरह समाप्त हो सके।

टिल्लू को छिपाने का ठिकाना देने वाले मददगारों की सूची हो रही तैयार

दिनांक 30.10.2025 को टिल्लू शर्मा द्वारा फेसबुक पर किए गए विवादित पोस्ट पर कोतवाली थाना द्वारा FIR किए जाने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा है. पुलिस उसकी लगातार खोजबीन कर रही है, आरोपी की गिरफ्तारी लगभग 20 दिन तक नहीं होने से समाज में आक्रोश बढ़ रहा है. पुलिस किसी भी स्थिति में आरोपी को पकड़ने के लिए अपने मुखबिर तंत्र सक्रिय कर दिए हैं, जो जानकारी निकाल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक आरोपी टिल्लू शर्मा को पनाह देने वाले या गिरफ्तारी से बचाने वाले लोग भी उतने ही गुनहगार हैं, जितना कि आरोपी टिल्लू शर्मा है. ऐसे में पुलिस की ओर से तथ्यों को खंगाल जा रहा है और ऐसे मददगारों की सूची भी बनाई जा रही है जो टिल्लू शर्मा को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं. ताकि उन्हें भी थाने में बुलाकर पूछताछ की जा सके और संदीप तथा पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी मामला पंजीबद्ध किया जाए.

भोजपुरी समाज का अल्टीमेटम, टिल्लू शर्मा की गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपये का इनाम, 22 नवंबर तक कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन की चेतावनी

भोजपुरी समाज ने आरोपी टिल्लू शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर खुला एलान करते हुए कहा है कि जो भी व्यक्ति उसकी गिरफ्तारी कराएगा या उसकी गिरफ्तारी में सहायक महत्वपूर्ण सूचना उपलब्ध कराएगा, उसे पांच हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। समाज के इस सार्वजनिक घोषणा के बाद शहर में चर्चा तेज हो गई है और यह स्पष्ट है कि मामला अब केवल कानूनी नहीं बल्कि सामाजिक असंतोष का गंभीर विषय बन चुका है। कुछ दिन पूर्व समाज की ओर से पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें यह मांग की गई थी कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। ज्ञापन में समाज ने यह भी लिखा था कि यदि 22 नवंबर 2025 तक पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो समाज उग्र धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा। समाज के पदाधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि छठ जैसे पवित्र पर्व का अपमान किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है और आरोपी के खुलेआम फरार रहने से समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। समाज का कहना है कि धार्मिक मर्यादा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए आरोपी की गिरफ्तारी अत्यंत आवश्यक है और पुलिस को इस मामले में विलंब नहीं करना चाहिए। इनाम की घोषणा और चेतावनी से यह भी स्पष्ट हो गया है कि समुदाय इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और यदि समय पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो जनआंदोलन की स्थिति बन सकती है।

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