Vande Bharat Express Trains: देश को 8 नवंबर को मिलेगी 4 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, यहां चेक करें रूट और किराए से जुड़ी डिटेल्स

Vande Bharat Express Trains: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को सुबह करीब 8:15 बजे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक साथ चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ये 4 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनारस और खजुराहो, लखनऊ और सहारनपुर, फिरोजपुर और दिल्ली तथा एर्नाकुलम और बेंगलुरू के बीच चलेंगी। ये नई ट्रेनें देश के प्रमुख गंतव्यों के बीच यात्रा के समय को कम करेंगी और इसके साथ ही क्षेत्रीय गतिशीलता को बढ़ाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देंगी।
वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो को जोड़ेगी नई ट्रेन
बनारस-खजुराहो वंदे भारत इस रूट पर डायरेक्ट कनेक्टिविटी स्थापित करेगी और वर्तमान में चल रही स्पेशल ट्रेनों की तुलना में लगभग 2 घंटे 40 मिनट की बचत करेगी। बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों जैसे- वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो को जोड़ेगी।
लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत का क्या होगा रूट
लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत ये यात्रा लगभग 7 घंटे 45 मिनट में पूरी करेगी, जिससे यात्रा समय में लगभग 1 घंटे की बचत होगी। लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस से लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के यात्रियों को काफी लाभ होगा, साथ ही रुड़की होते हुए हरिद्वार तक उनकी पहुंच भी बेहतर होगी।
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फिरोजपुर-दिल्ली रूट पर दौड़ेगी सबसे तेज ट्रेन
फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत इस रूट की सबसे तेज ट्रेन होगी, जो सिर्फ 6 घंटे 40 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करेगी। फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस राष्ट्रीय राजधानी और पंजाब के प्रमुख शहरों फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला के बीच संपर्क को मजबूत करेगी।
एर्नाकुलम-बेंगलुरू रूट पर होगी 2 घंटे की बचत
Vande Bharat Express Trainsदक्षिण भारत में, एर्नाकुलम-बेंगलुरू वंदे भारत ट्रेन यात्रा के समय को 2 घंटे से ज्यादा कम कर देगी, जिससे ये यात्रा 8 घंटे 40 मिनट में पूरी हो जाएगी। एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस प्रमुख आईटी और कमर्शियल सेंटरों को जोड़ेगी, जिससे पेशेवरों, छात्रों और पर्यटकों को तेज और ज्यादा आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा। ये रूट केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्रीय विकास और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।



