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Lenskart’s IPO: Lenskart के IPO में 1 लाख करोड़ का दांव लगा रहे निवेशक, 26.4 गुना हुआ सब्सक्राइब

Lenskart’s IPO लेंसकार्ट के आईपीओ ने निवेशकों की भारी दिलचस्पी दिखाई, 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की बोलियां मिलीं और 26.4 गुना सब्सक्राइब हुआ. संस्थागत खरीदारों, अमीर निवेशकों और खुदरा निवेशकों की ज़बरदस्त मांग ने वैल्यूशन संबंधी चिंताओं को काफी हद तक दूर कर दिया.

 

आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस ने अपने आईपीओ से पूरे शेयर बाजार से हलचल मचा दी है. आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पांस देखने को मिला है. जो लोग कंपनी की वैल्यूएशन को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे, अब वो ही इस ब्लॉकबस्टर कहते हुए नहीं थक रहे हैं. खास बात तो ये है कि इस आईपीओ को 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बिड मिल चुकी हैं. कंपनी के 7,278 करोड़ रुपए के आईपीओ को सभी निवेशक श्रेणियों से ज़बरदस्त प्रतिक्रिया मिली.

 

 

शेयर बाज़ारों के आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ को कुल मिलाकर 26.4 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें 9.97 करोड़ शेयरों के मुकाबले 263 करोड़ से ज़्यादा शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. जिसकी वजह से 382-402 रुपए प्रति शेयर के प्राइस बैंड के ऊपरी छोर पर कुल आवेदनों को 1 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंचा दिया.

 

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क्यूआईबी में देखने को मिला उत्साह

सबसे ज़्यादा उत्साह योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) से आया, जिन्होंने शेयरों के लिए आक्रामक बोली लगाई और अपने हिस्से का 37.19 गुना सब्सक्रिप्शन किया. यह विदेशी और घरेलू फंडों के मज़बूत विश्वास को दर्शाता है, हालांकि कई विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि आईपीओ का हाई वैल्यूएशन लिस्टिंग के बाद लाभ की सीमित गुंजाइश छोड़ता है.

 

 

मजबूत एंकर बुक के बाद संस्थागत मांग मज़बूत रहने की उम्मीद थी, जिसमें इश्यू खुलने से ठीक पहले बड़े म्यूचुअल फंड और ग्लोबल इंवेस्टर्स शामिल हुए थे. एंकर निवेशक पहले ही पेश किए गए शेयरों का एक बड़ा हिस्सा खरीद चुके थे, जिससे प्राइमरी मार्केट में धारणा मज़बूत हुई. भारत के संगठित आईवियर मार्केट, जो अभी तक काफी हद तक अछूता और खंडित है, पर लेंसकार्ट के प्रभुत्व की क्षमता को देखते हुए, विश्लेषक लंबी अवधि के आईपीओ के प्रति ज़्यादातर पॉजिटिव रहे. कंपनी मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे विदेशी बाज़ारों में भी तेज़ी से विस्तार कर रही है, जिससे इसकी विकास यात्रा में निवेशकों का विश्वास बढ़ा होगा.

 

एचएनआई और खुदरा निवेशक भी शामिल

एचएनआई भी इस दौड़ में शामिल हुए और उन्होंने 18.07 गुना तक सब्सक्रिप्शन लिया. गैर-संस्थागत निवेशक वर्ग में छोटे और बड़े, दोनों तरह के व्यक्तिगत बोलीदाताओं की लगातार भागीदारी देखी गई, और इश्यू के आखिरी दो दिनों में इसमें अच्छी खासी दिलचस्पी देखी गई. हालांकि रिटेल निवेशकों की भागीदारी तीनों श्रेणियों में सबसे कम रही, फिर भी यह प्रभावशाली रही – 6.98 गुना तक सब्सक्राइब हुई, जो हाई एंट्री वैल्यू के बावजूद आम निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है. खुदरा निवेशकों ने कई करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई, जो ब्रांड की लोकप्रियता और नए जमाने के उपभोक्ता व्यवसायों के प्रति आशावाद को दर्शाता है.

 

वैल्यूएशन को लेकर बहस

लेंसकार्ट के आईपीओ ने बाजार पर नजर रखने वालों के बीच वैल्यूएशन को लेकर गरमागरम बहस भी छेड़ दी है. प्राइस लिमिट के ऊपरी छोर पर, कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 70,000 करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 2025 की आय के आधार पर 230 गुना से अधिक के मूल्य-से-आय गुणक के बराबर है – जो भारत में उपभोक्ता-तकनीक लिस्टिंग में सबसे अधिक है.

 

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 6,652 करोड़ रुपए के रेवेन्यू पर 297 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा जापानी आईवियर ब्रांड ओनडेज के अधिग्रहण से जुड़े एकमुश्त अकाउंटिंग प्रॉफिट का परिणाम था. इसके समायोजन के बाद, सामान्यीकृत लाभ लगभग 130 करोड़ रुपए के आसपास है, जिसका अर्थ है कि मार्जिन बहुत कम है.

 

Lenskart’s IPOफिर भी, विश्लेषकों का कहना है कि बाजार की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि निवेशक शॉर्टटर्म इनकम इंडीकेटर्स के बजाय लेंसकार्ट के पैमाने, ब्रांड की मजबूती और डिजिटल-फर्स्ट रिटेल मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. कंपनी का मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क – दुनिया भर में 2,500 से अधिक स्टोरों तक फैला हुआ और एक अग्रणी ऑनलाइन उपस्थिति – ने इसे भारत के आईवियर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है.

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