Raigarh News: रायगढ़ रेलवे स्टेशन का ऑटो बूथ बना Showpiece चार महीने बाद भी नहीं हो पाई व्यवस्था, मनमानी से नहीं बाज आ रहे ऑटो चालक, यात्रियों को हो रही भारी परेशानी

Raigarh News: RGHNEWS@ प्रशांत Tiwari रायगढ़। शहर आने वाले मुसाफिरों को ऑटो के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए नगर निगम ने रेलवे स्टेशन के पास बाइक स्टैंड के समीप प्रीपेड ऑटो बूथ बनाया था। रेलवे प्रशासन ने भी अपनी ओर से सहयोग करते हुए ऑटो पार्किंग के लिए जगह तय कर दी थी। लेकिन 4 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ऑटो चालकों की मनमानी जारी है। नतीजा यह है कि रेलवे स्टेशन के बाहर अव्यवस्थित ढंग से खड़े ऑटो यात्रियों और राहगीरों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।

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रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट के सामने हर समय बेतरतीब खड़े ऑटो और निजी वाहनों का जम नजर आता है। इससे आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रेलवे, नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कवायद के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
*शुल्क बचाने के लिए नहीं करते रेलवे पार्किंग का उपयोग*
ऑटो चालकों के पार्किंग में न जाने की मुख्य वजह रेलवे द्वारा निर्धारित शुल्क है। रेलवे ने रोजाना 12 रुपए का किराया तय किया है, जिससे ऑटो चालकों को हर महीने करीब 360 रुपए देने पड़ेंगे। अधिकांश चालक यह शुल्क बचाने के लिए स्टेशन के बाहर ही अपनी गाड़ी खड़ी कर लेते हैं।
नगर निगम ने ऑटो चालकों की सुविधा के लिए पार्किंग स्थल पर शेड बनवाया और प्रीपेड बूथ भी शुरू किया, लेकिन चालक वहां अपनी गाड़ियां लगाने को तैयार नहीं हैं।
*प्रीपेड बूथ और प्रतीक्षालय भी बेअसर*
शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए नगर निगम ने आठ स्थानों पर बस, ऑटो व टैक्सी यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय बनाए हैं, जिन पर साढ़े चार-चार लाख रुपए खर्च किए गए हैं। मगर ऑटो चालकों की मनमानी के कारण यह सभी योजनाएं कागजों तक सीमित रह गई हैं।
*रेट तय, फिर भी नहीं मान रहे ऑटो चालक*
शहर में लगातार बढ़ी हुई किराया वसूली की शिकायतें आने पर आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो संघ के साथ बैठक कर किराया दर तय की थी। तय दरों के बावजूद ऑटो चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज जाने के लिए निर्धारित 120 किराया देने पर भी चालक तैयार नहीं होते। उनका कहना है कि रास्ता लंबा होने से नुकसान होता है।
*रेलवे स्टेशन का ऑटो बूथ बना शोपीस*
रेलवे ने स्टेशन के बाहर अवैध ऑटो स्टैंड को हटाने के लिए बाकायदा ऑटो बूथ तैयार कराया और ठेका भी दे दिया। जुलाई में एग्रीमेंट के बाद से ठेकेदार को इसे व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है।
ठेकेदार संजय गौतम का कहना है कि “कई बार बैठक हो चुकी है। अक्टूबर से बूथ को सुचारू रूप से चलाने की बात तय हुई थी, लेकिन ऑटो संघ की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”

वहीं ऑटो संघ के अध्यक्ष संजय बाजपेयी का कहना है कि “हमने पहले ही वैकल्पिक जगह की मांग की थी, लेकिन वह उपलब्ध नहीं कराई गई। मैं रायगढ़ से बाहर हूं, लौटने के बाद इस पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।”
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यात्रियों की बढ़ती परेशानी
जब भी स्टेशन पर ट्रेन पहुंचती है, स्थिति और विकराल हो जाती है। दर्जनों ऑटो गेट के अंदर तक पहुंचकर यात्रियों को जबरन बैठाने की कोशिश करते हैं, जिससे स्टेशन परिसर में जाम की स्थिति बन जाती है। पैदल यात्रियों और बाइक चालकों को भारी परेशानी होती है।
अगर रेलवे और नगर निगम प्रीपेड बूथ को प्रभावी रूप से लागू करा पाते, तो यात्रियों को यह अव्यवस्था नहीं झेलनी पड़ती। मगर फिलहाल ऑटो चालकों की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह योजना फेल होती नजर आ रही है।



