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RBI: RBI का सख्त कदम : इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द, कहीं इसमें आपका अकाउंट भी तो नहीं?

RBI जब भी कोई बैंक नियमों का सही से अनुपालन करने में विफल होता है। तब RBI ग्राहकों के हित की रक्षा करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई करता है। अक्टूबर में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक्शन का सिलसिला जारी है। महाराष्ट्र में स्थित जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 6 अक्टूबर से इसे बैंकिंग कारोबार की अनुमति नहीं होगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने 7 अक्टूबर मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

 

इससे पहले भी 30 जून 2016 को इस बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया था। लेकिन 23 अक्टूबर 2019 को बैंक के अपील पर इसे फिर से बहाल किया गया। अपीलीय पदाधिकारी के निर्देश पर आरबीआई ने वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए एक फॉरेंसिक ऑडिट नियुक्त किया था। लेकिन बैंक ने सहयोग नहीं किया। जिसके कारण ऑडिट पूरा नहीं हो पाया। इस बीच आरबीआई ने देखा कि बैंक फाइनेंशियल स्टेटस लगातार खराब होता जा रहा है। रिजर्व बैंक ने सरकारी समितियां के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परीसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया है।

 

ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक का संचालन बंद कर दिया जाएगा। नई जमा राशि स्वीकार या पुनर्भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी। जमाकर्ता फौरन अपने पैसों की निकासी भी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि उनके खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं। लोन, नेट बैंकिंग, एटीएम, पासबुक अपडेट, चेक क्लीयरेंस और अन्य कई सेवाओं का लाभ भी ग्राहक नहीं उठा पाएंगे। हालांकि डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि पर जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।

 

आंकड़ों के मुताबिक 30 सितंबर 2025 24 तक कुल जमा राशि का 94.41% डीआईसीजीसी ने बीमा के अंतर्गत कवरकिया गया है। यह सुविधा सेविंग करंट और करंट अकाउंट के साथ-साथ फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकीरिनग डिपॉजिट पर भी लागू होती है।

 

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आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?

RBIआरबीआई ने बताया कि इस बैंक के पास पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के कई प्रावधानों का अनुपालन करने में भी विफल रहा बैंक का चालू रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है। इसकी वर्तमान स्थिति इतनी खराब है कि अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान भी नहीं कर सकता। यदि इसे बैंकिंग व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो जनहित पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा

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